Pradosh Vrat 2023: रवि प्रदोष व्रत पर सीहोर वाले गुरु जी प्रदीप मिश्रा का बताया ये उपाय करें दौड़ी चली आएंगी माँ लक्ष्मी। भगवान शंकर को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस रीति-रिवाज में, प्रतिमाह दो प्रदोष व्रत होते हैं। दिसंबर में, इन दोनों प्रदोष व्रतों का आयोजन रविवार को होता है, जिससे इस महीने में दो बार रवि प्रदोष व्रत मनाए जा रहे हैं।
रवि प्रदोष व्रत के आचरण से स्वास्थ्य, सफलता, और भौतिक सुख में आने वाली परेशानियों से मुक्ति प्राप्त होती है। दिसंबर का पहला रवि प्रदोष व्रत 10 दिसंबर 2023 को है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय और दान करने से शिव मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि प्रदोष व्रत में कौन-कौन से उपाय अनुसरण किए जा सकते हैं ताकि इस विशेष व्रत को समर्पित करने वाले भक्त अधिक से अधिक आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
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रवि प्रदोष व्रत उपाय (Ravi Pradosh Vrat)
- पीला चंदन का लेपन: रवि प्रदोष व्रत के दिन, पीले चंदन का लेपन बनाएं और उसे शिवलिंग पर त्रिपुंड बनाकर लगाएं। फिर एक बेलपत्र पर शहद लगाएं और दाहिने हाथ से शिवलिंग पर चढ़ाएं, अपनी मनोकामना के साथ। यह उपाय सूर्यास्त के समय में किया जाता है और मान्यता है कि इससे धन की प्राप्ति होती है और दूर्भाग्य दूर होता है।
- दान करें: रवि प्रदोष व्रत के दिन सफेद चीजों का दान करने से नौकरी में प्रमोशन के योग होते हैं। इस दिन रविवार को गेहूं, जौ, तांबा, लाल पुष्प, दही, दूध, चावल आदि का दान करके तरक्की की राह में मदद कर सकते हैं।
- शिवलिंग का पूजन: Ravi Pradosh Vrat में भगवान शिव की पूजा का मुख्य तत्व है शिवलिंग का पूजन। शिवलिंग को पानी, दूध, गंगाजल, धूप, दीप, बेल पत्र, और बिल्व पत्रों से सजाकर पूजें। ध्यान और मन्त्र जप के साथ शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
- मन्त्र जाप और कीर्तन: प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना और उनकी कीर्तन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। “ॐ नमः शिवाय” और “महा मृत्युंजय मंत्र” का जाप करना भी विशेष फल प्रदान करता है।
धन की होगी वर्षा Ravi Pradosh Vrat 2023
- सूर्य और चंद्रमा का मेल अद्भुत फल प्रदान करता है – रवि प्रदोष व्रत का सीधा संबंध सूर्य से होता है, जबकि शिवजी ने चंद्रमा को अपने शिर पर सुशोभित किया है। कुंडली में सूर्य को बलवान बनाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन, एक मुठ्ठी गेहूं को शिवलिंग पर अर्पित करें और चंद्रमा को मजबूत करने के लिए चावल चढ़ाएं। सूर्य की कृपा से दीर्धायु और स्वस्थ जीवन का वरदान मिलेगा, जबकि चंद्रमा की शुभता से मानसिक तनाव कम होगा।
- व्रत के दौरान व्रती भोजन: Ravi Pradosh Vrat के दिन, व्रती को एक महत्वपूर्ण उपाय अनुसरण करना चाहिए – उसे व्रत के दौरान नीम्बू पानी, फल, साबुदाना खीर, और शाकाहारी भोजन करना चाहिए। अन्न, मांस, और अशुभ भोजन से बचना चाहिए।
- दान और कर्मकांड: प्रदोष व्रत के दिन दान करना भी अच्छा है। भगवान शिव को तुलसी, गंगा जल, भूतपूजा के लिए भोजन, और धन दान करना भी फल प्रदान करता है।
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