Navratri Day 6: माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है

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9th day of Navratri: नवरात्रि के नौवें दिन सभी सिद्धियों को देनी वाली माँ सिद्धिदात्री की पूजा
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Navratri Day 6: माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है। नवरात्रि एक धार्मिक त्योहार है जो हिन्दू धर्म के अनुयायियों द्वारा पूरी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार आध्यात्मिकता, परंपरा, और सभी माताओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नवरात्रि के नौ दिनों के अवसर पर भगवान दुर्गा की पूजा की जाती है, जिसमें विभिन्न रूपों में उनकी आराधना की जाती है। इस ब्लॉग में, हम आपको नवरात्रि के छठे दिन के बारे में जानकारी देंगे और यह बताएंगे कि छठा दिन क्यों महत्वपूर्ण है।

Navratri Day 6 को ‘सष्ठी’ के रूप में जाना जाता है, जिसे च्छठ कहा जाता है। यह दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन मां दुर्गा के रूपों में से एक का विसर्जन किया जाता है। यह दिन भी छठ माता के रूप में पूजा जाता है, जिन्होंने सूर्य की पूजा की थी और उन्हें अपने आप को वरदान देने की शक्ति दी थी। छठ माता के रूप में पूजा करने से लोग सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं और उनके जीवन में सुख-शांति आती है।

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Navratri Day 6: माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है

सष्ठी घाट कहा जाता है।

नवरात्रि के छठे दिन की पूजा रात को होती है, और इसके लिए विशेष तैयारियां की जाती हैं। सबसे पहले, पूजा के लिए एक स्थल तैयार किया जाता है, जिसे सष्ठी घाट कहा जाता है। इस घाट पर एक लकड़ी की पट्टी रखी जाती है और उस पर दुपट्टा फैलाया जाता है। फिर छठी मां की मूर्ति को इस घाट पर रखा जाता है और पूजा की तैयारियां की जाती हैं। आप पूजा में इस्तेमाल होने वाला दुपट्टा अमेजॉन आप से खरीद सकते है।

पूजा के समय, महिलाएं और लड़कीयाँ अपने लाख सिंहा की पूजा करती हैं, जिसे वे स्थल के किनारे जाकर लगाती हैं। इसके बाद, वे सष्ठी घाट पर जाकर बैठती हैं और सूर्य को उदय होने की प्रतीक्षा करती हैं। सूर्य की उपस्थिति के साथ, वे खास प्रार्थनाएँ करती हैं और पूजा करती हैं। इसके बाद, वे सष्ठी मां की मूर्ति को सूर्य की दिशा में प्रसाद के साथ लेकर जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन(Navratri Day 6) के इस अद्भुत पर्व के दौरान, उपवास भी बड़ा महत्वपूर्ण होता है। व्रत का अर्थ होता है कि विशेष खाने पीने की विशेष विधि का पालन करना, और इस दिन व्रती लोग निर्जला व्रत का पालन करते हैं, यानि बिना पानी पीए।

Navratri Day 6

यह व्रत सूर्य देव की पूजा में भक्ति और समर्पण का प्रतीक होता है। नवरात्रि के छठे दिन(Navratri Day 6) का अवसर एक उत्कृष्ट पूजा का होता है, जो समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए की जाती है। छठ माता के बाद, सूर्य भगवान की पूजा भी की जाती है, और लोग सूर्योदय की प्रतीक्षा में बेहद उत्सुक रहते हैं। जब सूर्य उदय होता है, तो व्रती लोग अपने व्रत को तोड़ते हैं और प्रसाद का आनंद लेते हैं।

Navratri Day 6: माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है

मानव जीवन में लाने का अद्वितीय अवसर है

Navratri Day 6 का महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि इस दिन मां दुर्गा की आराधना का समापन होता है और भगवान सूर्य की पूजा का आयोजन किया जाता है। यह दिन सूर्य की शक्ति को मानव जीवन में लाने का अद्वितीय अवसर है और भक्तों को सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त करने का मौका देता है। इस प्रकार, नवरात्रि के छठे दिन(Navratri Day 6) का महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतातिक महत्वपूर्ण भी होता है, क्योंकि यह एक ऐसा दिन होता है

जब लोग अपने आत्मा को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए अपने माता-पिता और बड़े वर्ग के सदस्यों का आशीर्वाद लेते हैं। इसके अलावा, यह एक दिन होता है जब माता-पिता अपने बच्चों के जीवन की शुरुआत के लिए भगवान सूर्य की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. Navratri Day 6 के अवसर पर भगवान सूर्य की पूजा के बाद, लोग अपने परिवार के साथ एक साथ बैठकर प्रसाद खाते हैं और आपसी मिलनसर करते हैं. यह एक मिलनसर अवसर होता है

Navratri Day 6: माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है

जब परिवार के सदस्य एक साथ आते हैं और खुशियों का हिस्सा बनते हैं. इस दिन (Navratri Day 6)को आपसी मोहभंग दिन भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताकर उनके साथ अधिक जुड़ सकते हैं. नवरात्रि के छठे दिन(Navratri Day 6) का आयोजन विविध रूपों में किया जाता है, और यह विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है. यह एक सामूहिक पर्व होता है जिसमें सभी परिवारों के सदस्य एक साथ आकर पूजा करते हैं और सूर्य की कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं.

आत्मा के शुद्धता और पवित्रता की प्रतीक

नवरात्रि के छठे दिन (Navratri Day 6)का महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसे लोग बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं और अपने जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं. यह दिन आत्मा के शुद्धता और पवित्रता की प्रतीक होता है और लोग इसे अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और समाज में अच्छाई लाने का अवसर मानते हैं.

Navratri Day 6: माँ कात्यायनी का पूजन किया जाता है

नवरात्रि के छठे दिन (Navratri Day 6)के अवसर पर, हम सभी को यह याद दिलाना चाहिए कि हमें अपने परिवार और परंपराओं का मान रखना चाहिए और हमें अपने धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने की कठिनाइयों के बावजूद उन्हें पालन करना चाहिए। इसे एक अवसर के रूप में मनाने से हम अपने संगठन, परिवार, और समाज को मजबूत और समृद्ध कर सकते हैं, और हमारे जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

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