Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर जानिए क्यों कहा जाता है गुदड़ी का लाल ?

mpexpress09

Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर जानिए क्यों कहा जाता है गुदड़ी का लाल ?
WhatsApp Group Join Now

Lal Bahadur Shastri Jayanti: लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर जानिए क्यों कहा जाता है गुदड़ी का लाल ? लाल बहादुर शास्त्री, भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण और गरिमापूर्ण व्यक्तित्व हैं। उनका नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख चरणों में से एक से जुड़ा है और उन्होंने अपने कार्यों और योगदान के लिए “गुदड़ी का लाल” कहलाने का अधिकार जमा लिया है। इस ब्लॉग में, हम लाल बहादुर शास्त्री के जीवन और कार्यों के बारे में विस्तार से जानेंगे और देखेंगे कि वे क्यों गुदड़ी के लाल के रूप में प्रसिद्ध हैं।

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगालसराय जिले के रामनगर में हुआ था। उनका जन्म एक साधक परिवार में हुआ था, और उन्होंने बचपन से ही गरीबी और संघर्ष का सामना किया। लाल बहादुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रयाग (आज प्रयागराज) में प्राप्त की और फिर बेनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। लाल बहादुर शास्त्री का स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख योगदान था। वे महात्मा गांधी के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम के लिए संघर्ष करते थे और सत्याग्रह के माध्यम से भारतीय राज सरकार के खिलाफ आवाज उठाते थे।

यह भी पढ़िए :- Mainpuri: उत्तरप्रदेश में फिर कलंकित हुई इंसानियत! मौत के बाद अस्पताल ने बाइक पर रख दिया लड़की का शव

Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर जानिए क्यों कहा जाता है गुदड़ी का लाल ?

लाल बहादुर शास्त्री का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का गुदड़ी का लाल कहलाना: लाल बहादुर शास्त्री को “गुदड़ी का लाल” कहा जाता है क्योंकि वे अपनी आदर्शवादी और निष्कलंक जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने अपने जीवन में सरलता और सजीव जीवन के लिए एक आदर्श मान्यता था। लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की पुन: संघटना और मृत्यु: लाल बहादुर शास्त्री 1964 में भारतीय प्रधानमंत्री बने, और उनके कार्यकाल में भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965) के दौरान उन्होंने “जय जवान, जय किसान” की उपदेशक भाषण दिया। वे देश के लिए महत्वपूर्ण और मजबूत नेता थे, लेकिन उनकी सेहत में किसी भी समस्या के बावजूद, वे अपने दायित्वों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध रहे।

यह भी पढ़िए :- Gandhi Jayanti 2023: गांधी जयंती के अवसर पर अपने प्रियजनों के साथ शेयर करें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ये अनमोल प्रेरणादायी विचार

Lal Bahadur Shastri के प्रमुख आदर्श

  1. सरलता और निष्कलंकता: लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) के जीवन में सरलता और निष्कलंकता की एक अद्भुत मिश्रण था। वे एक सामान्य और आम व्यक्ति थे जो बिना किसी भ्रष्टाचार या दुराचार के अपने कार्यों को निभाते थे।
  2. सामाजिक न्याय: Lal Bahadur Shastri ने समाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रमाण दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में किसानों और गरीबों के हक की रक्षा की और उनके लिए उपायों का सामर्थ्य साबित किया।
  3. साहस और संघर्ष: लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का संघर्ष और साहस स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी महत्वपूर्ण गुण हैं। वे ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी जान की भी कुर्बानी देने के लिए तैयार थे।
  4. प्रेम और एकता: लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने भारतीय समाज की एकता और एक मिल जुल कर रहने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय समाज को समर्थन और प्यार का प्रतीक दिया।
Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर जानिए क्यों कहा जाता है गुदड़ी का लाल ?

दुखद है कि लाल बहादुर शास्त्री का जीवन बहुत छोटे समय तक ही रहा, और वे 11 जनवरी 1966 को तब्बू की समस्या के बीच तब्बू, उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकाल के दौरान हुई एक आपत्ति के बाद निधन हो गए। Lal Bahadur Shastri भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणास्पद व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने आदर्शवादी और सादगी के साथ देश के लिए काम किया। उनका जीवन और कार्य हमें यह सिखने को मिलते हैं कि सच्चे और समर्पित नेता कैसे होते हैं, और वे भारतीय जनता के दिलों में आज भी बसे हुए हैं। “गुदड़ी का लाल” लाल बहादुर शास्त्री को याद करके हम उनके महत्वपूर्ण योगदान को सराह सकते हैं।