Japan Earthquake: वर्ष 2024 के पहले दिन ही जापान पर बरसा प्रकृति का कहर! पहले 7.4 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती अब सुनामी का हाई अलर्ट जारी

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Japan Earthquake: वर्ष 2024 के पहले दिन ही जापान पर बरसा प्रकृति का कहर! पहले 7.4 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती अब सुनामी का हाई अलर्ट जारी
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Japan Earthquake: वर्ष 2024 के पहले दिन ही जापान पर बरसा प्रकृति का कहर! पहले 7.4 तीव्रता के भूकंप से कांपी धरती अब सुनामी का हाई अलर्ट जारी। जापान के इशिकावा प्रांत में सोमवार को एक तेज भूकंप के प्रकट होने के घटना को महसूस किया गया। जिसकी तीव्रता को जापानी मीडिया NHK के अनुसार रिक्टर स्केल पर 7.4 दर्जा मिला। प्रशासन ने सुनामी के लिए चेतावनी जारी की है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस भूकंप के चलते 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उत्पन्न हो सकती हैं।

फुकुशिमा प्लांट पर पैनी नजर (Japan Earthquake)

तटीय क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का आदान-प्रदान किया गया है। इस समय कोई भी व्यक्ति की मौके पर मौत की खबर नहीं है। जापानी मीडिया की अनुसार, फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह इसलिए है क्योंकि मार्च 2011 में जापान में हुए 9 तीव्रता वाले भूकंप और उसके परंपरागत सुनामी ने इस प्लांट को पूरी तरह से अस्तावित कर दिया था। इस पूरे घटना को पर्यावरण के लिए एक बड़ी क्षति माना गया है। तब उठी सुनामी की लहरें ने समुद्र में उच्चतम 10 मीटर की स्तर तक पहुँच जाई और कई शहरों में बर्बादी मचा दी।

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भूकंप की दिल दहला देने वाली तस्वीरें

इस दुर्घटना में करीब 16 हजार लोगों की मौके पर मौत हो गई थी। जापान रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जो कि भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इस क्षेत्र में भूकंप समय-समय पर होते रहते हैं, क्योंकि यह दो टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलन स्थल पर स्थित है। इशिकावा प्रान्त, जहां भूकंप होता है, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल की आकृति की श्रृंखला, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है, के बड़े करीब स्थित है। रिंग ऑफ फायर एक क्षेत्र है।

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नए साल में हजारों लोग हुए बेघर

जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ-साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। जब ये प्लेट्स टकराते हैं, तो भूकंप होता है। इससे सुनामी और ज्वालामुखी का उत्सर्जन भी हो सकता है। दुनिया के 90% भूकंप इसी ‘रिंग ऑफ फायर’ में होते हैं, जो कि 40 हजार किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में दुनिया के सक्रिय ज्वालामुखी में से 75% स्थित हैं। ‘रिंग ऑफ फायर’ में आने वाले 15 देशों में शामिल हैं – जापान, रूस, फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, और बोलिविया।

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