India on Shaksgam valley: सियाचिन में ड्रैगन की नापाक ‘हरकत’ भारत ने दी सुधरने की सख्त नसीहत। सियाचिन के पास, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। उन्होंने बताया कि भारत को शक्सगाम घाटी अपना क्षेत्र मानता है और 1963 के चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया है।
क्या है पूरा मामला (India on Shaksgam valley)
वह इसके माध्यम से बताया कि चीन और पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंपने का प्रयास किया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इसका स्वीकृति नहीं किया है और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करेगा। (India on Shaksgam valley) भारतीय जासूसों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनकी जानकारी नहीं है।
#WATCH | On Chinese activities near Siachen, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We consider Shaksgam Valley to be our territory. We have never accepted the so-called China-Pakistan boundary agreement of 1963 through which Pakistan unlawfully attempted to cede the area to… pic.twitter.com/z8atFy5m2T
— ANI (@ANI) May 2, 2024
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भारत के लिए क्यों जरूरी है शक्सगाम घाटी
वे ऑस्ट्रेलिया से निष्कासित दो भारतीय जासूसों के मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि वे इसे अटकलबाजी रिपोर्ट के रूप में देखते हैं। शक्सगाम घाटी का महत्व अत्यंत विशेष है। यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का एक अहम हिस्सा है, और रणनीतिक दृष्टिकोण से इसका महत्व अधिक है।
भारत ने हमेशा इस क्षेत्र पर ध्यान दिया है और इस पर अपनी आवाज बुलंद की है। हाल ही में कुछ सैटेलाइट इमेज (India on Shaksgam valley) में दिखाई गई कि चीन PoK में सियाचीन ग्लेशियर के पास एक सड़क निर्माण कर रहा है।