Human Rights Day: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व मानवाधिकार दिवस ? जानिए क्या है इस दिन का इतिहास। जब हम विचार करते हैं ह्यूमन राइट्स डे के बारे में, हमें मानवता, समानता, और न्याय के सिद्धांतों की याद आती है। यह दिन हर व्यक्ति के मौजूदा और आने वाले हक को समझाने और मान्यता देने का अवसर होता है, हर वर्ष 10 दिसंबर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस या विश्वभर के हर नागरिक के अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
क्यों आवश्यकता पड़ी मानवाधिकार दिवस मनाने की
वास्तव में, 1948 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र सामान्य महासभा ने मानव अधिकारों (Human Rights Day) को अपनाने का ऐलान किया था, लेकिन आधिकारिक रूप से 1950 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में घोषणा की थी। मानवाधिकार दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्वभर के सभी लोग सुरक्षित महसूस करें और वे भेदभाव रहित स्वतंत्रतापूर्ण जीवन जी सकें। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है।
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Human Rights Day 2023 theme
साल 2023 में, मानवाधिकार दिवस की थीम है – सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता, और न्याय (Freedom, Equality and Justice for All). हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत उन अधिकारों की महत्वपूर्णता को साझा करने के लिए हुई थी, जो सभी व्यक्तियों को स्वतंत्रता और समानता का हक देते हैं. भारत में, 1993 में मानवाधिकार कानून (Human Rights Day) को प्रभावित किया गया और 28 सितंबर 1993 को ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ का गठन किया गया.

भारत में Human Rights Day का इतिहास
ये मानवाधिकार भारतीय संविधान के भाग-3 में स्थित मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने का एक प्रमुख प्रयास है. इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून है और इसका पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी है।मानवाधिकार दिवस हमें यह सिखाता है कि मानवीय समृद्धि के लिए साझा दान, जागरूकता, और समर्थन का महत्वपूर्ण है। यह एक महत्वपूर्ण मौका है कि हम समृद्धि, सामाजिक न्याय, और समरसता की दिशा में साथ मिलकर काम करें, खासकर महामारी के पश्चात दुनियाभर में नई शुरुआत करें।