हो जायेंगे आप हैरान जानकर GST से जुड़ी इन बातों को

Sanskar09

हो जायेंगे आप हैरान जानकर GST से जुड़ी इन बातों को
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GST:- GST एक ऐसा शब्द है जिसे हर एक दुकानदार दिन में पता नहीं कितनी बार बोलता है और आपने सभी ग्राहकों को सामान बेचते समय बोलता है की यह सामान इतने से काम काम में नहीं पड़ेगा क्योंकि इसकी GST बढ़ गयी है GST का पूरा गु्ड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स ( Goods and Services Tax )होता है यह एक प्रकार का कर (Tax) होता है यह सभी वस्तुओं पर लगने वाला कर होता है GST को हिन्दी में वस्तु एवं सेवा कर कहते है GST भारत सरकार की नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था (indirect tax system) है 

GST-आखिर होता क्या है:-

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है की GST होती क्या है जैसा की हमने आपको पहले ही बता दिया है की GST का पूरा नाम गु्ड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स ( Goods and Services Tax ) है और इसे हिंदी में वस्तु एवं सेवा कर के नाम से जाना जाता है GST वस्तु पर लगाने वाला एक कर होता है GST को 2017 में मोदीजी ने पुर देश में  एकसमान टैक्स लागू करने के लिए GST लॉन्च किया था यह एक प्रकार का इनडायरेक्ट टैक्स है यह कर सभी ग्राहकों और उद्योगपतियों से लिया जाता है यह कर सभी से लिया जाता है फिर चाहे वो किसी भी प्रकार का व्यापार करते हो

करो के प्रकार (Type of Tax ):- सरकार द्वारा दो प्रकार के कर एकत्र किए जाते हैं जिन्हें प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर कहा जाता है  और इसे व्यक्ति की आय पर प्रत्यक्ष रूप से लगाया नहीं जाता है  टैक्स जो सीधे प्रत्यक्ष टैक्स प्रदान करते हैं प्रकार के होते है जो इस प्रकार है

  1. अप्रत्यक्ष कर
  2. प्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष कर:-  अप्रत्यक्ष कर सामान्य लोगों को या आम लोगों के लिए पारित किया जाता है वैसे से तो ये कर विक्रेताओं को सरकार को भुगतान करना होता है लेकिन वे उपभोक्ता को माल बेचते है इसलिए उपभोक्ता को टैक्स का भुगतान करना होता है इस प्रकार उपभोक्ता विक्रेता को कर का भुगतान करता है और विक्रेता इसे सरकार को भुगतान करता है. 

प्रत्यक्ष कर:-प्रत्यक्ष कर को डायरेक्ट टैक्स भी कहा जाता है जो कोई व्यक्ति या संगठन प्रत्यक्ष रूप से उस एंटिटी को भुगतान करता है जिसने इसे लगाया है। अर्थात ये सीधे भुगतान किए जाने वाले टैक्स हैं  इन टैक्स को सीधे किसी इकाई या व्यक्ति पर लगाया जाता है और किसी और पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है इन प्रत्यक्ष करों को दूर करने वाली एक निकाय प्रत्यक्ष करों का केंद्रीय बोर्ड (सीबीडीटी) है जो राजस्व विभाग का हिस्सा है. इसे अपने कर्तव्यों के साथ मदद करने के लिए, विभिन्न कार्यों का समर्थन जो प्रत्यक्ष करों के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करते हैं.

इसे लागू करने के क्या उद्देश्य है:-

purpose of Objective:- GST को लागू करने मुख्य उद्देश्य भारत कि आर्थिक प्रणाली को मजबूती प्रदान करना है इसके माध्यम से  कारोबारियों को सामान्य और स्पष्ट कर की एक सामंजस्यपूर्ण प्रणाली प्रदान की जा रही है, जिससे व्यापार को बहुत आसान बनाया जा सकता है और व्यापार में काम के बहुत सारे अवसर मिलते है GST ने यूनिकनेस को बढ़ावा देने के साथ-साथ तकनीकी सहयोग में भी सुधार किया है जिससे व्यापारियों को बहुत ज्यादा लाभ हुआ है

GST ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी जिससे व्यापार और उपभोक्ता के बीच ताल-मेल बिठाना आसान हो गया है इसके माध्यम से सभी करो को एक सामान स्ट्रक्चर्ड के रूप में बांधने का प्रयास किया जा रहा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था में बहुत ज्यादा सुधार देखने मिला है

जाने इस के प्रकार

भारत में GST प्रकार अर्थात CGST, SGST, UTGST और IGST, की विशिष्ट कर दरें हैं। ये भारत सरकार द्वारा तय की गयी दरें है उसी दर से लागू होंगी, जैसा सरकार द्वारा तय किया जाएगा।  

  1. SGST:- राज्य वस्तु और सेवा कर GST के प्रकारों में से एक है जिसे किसी विशेष राज्य की सरकार लागू या निर्धारित करती है। राज्य सरकार राज्य के अन्दर ही वस्तुओं और सेवाओं पर कर लगाती है  और राज्य सरकार एकत्रित राजस्व का एकमात्र लाभार्थी है।
  2. CGST:-केंद्रीय वस्तु और सेवा कर वस्तुओं और सेवाओं की इंट्रास्टेट (राज्य के अंदर ) सप्लाई पर लागू होता है। केंद्र सरकार इस पर टैक्स लगाती है। CGST अधिनियम इस प्रकार के GST को नियंत्रित करता है। यहाँ CGST से उत्पन्न राजस्व को SGST के साथ एकत्र किया जाता है और इसे केंद्र और राज्य सरकार के बीच विभाजित किया जाता है।
  3. IGST:-इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक प्रकार का GST है, जहाँ टैक्स माल और सेवाओं की इन्टरस्टेट सप्लाई पर लागू होता है। यह GST आयात और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर भी लगाया जाता है। IGST अधिनियम इसे नियंत्रित करता है, और केंद्र सरकार IGST के संग्रह के लिए जिम्मेदार है।
  4. UGST:-केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा कर केंद्र शासित प्रदेशों में वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला एक प्रकार का GST है। यह SGST के समान है लेकिन केवल केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है। UGST दादर, नगर हवेली, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार के साथ-साथ पुडुचेरी और दिल्ली में लागू है। यहाँ सरकार द्वारा एकत्र किया गया राजस्व केंद्र शासित प्रदेश सरकार का है।

GST के लागू होने से होने वाले Benefits

  • GST लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा जिससे काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे।
  • GST लागू होने के बाद कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी या घूसखोरी की संभावना भी कम हो जाएगी.।
  • GST लागू होने के बाद पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा जिसके कारण पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक समान रहेगी।
  • वर्तमान व्यवस्था में अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचा जाता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते हैं जिससे उत्पाद की कीमत बहुत बढ़ जाती है लेकिन GST लागू होने से सिर्फ एक कर लगेगा जिससे उत्पादों की कीमत घट जाती है ।
  • भारत में कर व्यवस्था आसान होगी और ‘कर के ऊपर कर’ लगाने की व्यवस्था से पीछा छूट जाएगा।

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GST से होने वाले Disadvantages

  • GST लागू होने से कुछ राज्यों की आय में बहुत कमी आयी है ।
  • बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में प्रभावी टैक्स रेट 14 प्रतिशत है. ये टैक्स अब तक सिर्फ ट्रांजेक्शन पर लगता है. इंट्रेस्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
  • जब GSTको लागू किया गया था तब कुछ छोटे व्यापारियों को इसे समझने में कठिनाई आयी थी ।
  • जीएसटी के प्रारंभिक लागू होने से पहले कुछ व्यापारियों के पास प्रत्यायोजन करने वाले उपकरण नहीं थे। जिस कारण भी व्यापारियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा ।

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