Chhattisgarh में छात्राओं के हाथों पर खौलता तेल डालने वालों को हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी, गुनहगारों को नहीं बख्शा जाएगा। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के एक विद्यालय में टॉयलेट के बाहर की अशुद्धि की खबर पर, माकड़ी ब्लॉक के केरावाही मिडिल स्कूल के 25 छात्रों के साथ एक सख्त कदम उठाया गया था। अब इस मामले पर हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी ने रिपोर्ट मांगी हैं। उन्होंने साथ ही दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज करने और कठोर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं।
आखिर नींद से कब जागेगा Chhattisgarh प्रशासन
कोंडागांव के एक माध्यमिक विद्यालय में हुए एक घटना में, जहां शौचालय अत्यंत अस्वच्छ था, वहां बच्चों के साथ हुए एक अत्याचार के मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। Chhattisgarh प्रशासन ने स्कूल प्रमुख के साथ तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इस घटना का सम्बंध छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के माकड़ी विकास खंड स्थित केरावाही माध्यमिक विद्यालय से है। शौचालय की अव्यवस्था के कारण, वहां कुछ छात्राएं गुरुवार को 20 बच्चों के हाथों में खौलता तेल डालने की घटना को खोली।
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Chhattisgarh में बच्चियों को कब तक सहना हो अत्याचार
इस हादसे में पांच छात्राएं, जैसे कि डिंपल दास, जामिला, मंजू, दीपिका, और भूमिका, के हाथ में छाले और फफोले हो गए थे। Chhattisgarh में इस मामला सामने आने के बाद, कलेक्टर दीपक सोनी ने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए मार्गदर्शन दिया। जांच में पता चला कि घटना के समय स्कूल में प्रमुख शिक्षक जोहरी मरकाम, शिक्षक एलबी पूनम ठाकुर, और शिक्षक मिताली वर्मा के साथ साथ सफाईकर्मी और रसोइया भी मौजूद थे। इस घटना के परिणामस्वरूप, जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में शिक्षकों की लापरवाही को देखते हुए प्रिंसिपल और दो शिक्षिकाओं को तत्काल निलंबित करने का निर्णय लिया है।
निलंबन के साथ ही, प्रिंसिपल और दो शिक्षिकाओं को मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय माकड़ी में स्थित किया गया है, और उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता दी गई है। इसके अलावा, Chhattisgarh में जिला शिक्षा अधिकारी ने अंशकालीन सफाई कर्मचारी डमरूराम यादव को भी कार्य से पृथक करने के लिए निर्देश दिए हैं। Chhattisgarh में इस मामले की पूरी गतिविधि के अनुसार, पहले जानकारी मिली थी कि स्कूल के एक शिक्षिका के सुरक्षार्थ बच्चों ने एक दूसरे को दंडित किया था।

इस घटना की जानकारी के समय, बच्चों के स्वजन ने इसे शिक्षा विभाग के कार्यालय में शिकायत की, जिससे एक बड़ा हड़कंप उत्पन्न हुआ। जांच दल के अनुसार, स्कूल के बालिका शौचालय के सामने प्रतिदिन किसी ने शौच किया था, जिसके बाद बच्चों ने इस घटना को रोकने के लिए गर्म तेल से दंड देने का निर्णय लिया। स्कूल में 62 बच्चे पढ़ते हैं, और उनमें से 20 बच्चों को मध्याह्न भोजन के समय गर्म तेल का प्रयोग करके दंडित किया गया। इस कार्रवाई में एक बालिका का हाथ गंभीर रूप से जल गया, और चार अन्य बालिकाओं के हाथ भी प्रभावित हुए हैं।