BJP: अपराध रोकने वाले ये 3 विधेयक हो सकता है 2024 के चुनाव में BJP-मोदी सरकार का मास्टर प्लान, क्या इनके सहारे फिर मिलेगी सत्ता की कुर्सी ? अमित शाह द्वारा ऑपन इनवेस्टमेंट एरा के अपराधिक कानूनों की जगह लाए गए तीन विधेयक बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गए। भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में पेश किया। ये तीनों विधेयक 1860 के भारतीय दंड संहिता (IPC), 1973 के आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने उनकी विशेषताएं गिनाईं और बताया कि नया कानून पुराने से कितना ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सुरक्षा प्राथमिकता थी, लेकिन अब मानव सुरक्षा और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। आइए जानते हैं केंद्र सरकार की ओर से लए गए नए विधेयकों में क्या-क्या है और कानून बनने के बाद अपराध और अपराधियों पर कैसे लगाम कसी जाएगी। एफआईआर के लिए समयीमा तय बिल में पुलिस के लिए खास दिशा-निर्देश हैं।
BJP ने पेश किए 3 नए विधेयक
इसके मुताबिक, घटना के बाद तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी और 14 दिन के अंदर प्रारंभिक जांच हो जानी चाहिए। इसके बाद 24 दिन के अंदर-अंदर मजिस्ट्रेट के पास रिपोर्ट पहुंच जाए और आरोप पत्र दाखिल करने में 180 दिनों से ज्यादा की देरी नहीं होनी चाहिए। अगर जांच लंबित है तो कोर्ट से विशेष अनुमित लेनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गंभीर अपराध, जिनमें 3 से सात साल या उससे ज्यादा सजा का प्रावधान है, के लिए भी यही सख्त टाइमलाइन फॉलो की जानी चाहिए। एफआईआर दर्ज कर पुलिस 14 दिनों के अंदर प्रारंभिक जांच पूरी कर ले।
अमित शाह ने रखी BJP की विधेयक
तय समस्यासीमा में चार्जशीट दर्ज की जाएगी। अमित शाह ने यह भी बताया है कि नए कानून के अनुसार चार्जशीट दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्दिष्ट समय के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा। यदि फिर से जाँच की आवश्यकता होती है, तो कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने बताया कि पहले के नियमों में 60-90 दिनों के अंदर चार्जशीट दर्ज करना आवश्यक था, लेकिन री-इंवेस्टिगेशन के कारण इसमें देरी होती थी। मॉब लिंचिंग पर फांसी की सजा का प्रावधान भी है। अमित शाह ने लोकसभा में यह बताया कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने की कड़ी में है।
उन्होंने मॉब लिंचिंग को घृणास्पद अपराध बताया है और नए कानून में इसके लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। महिलाओं के लिए ई-एफआईआर की सुविधा भी बिल में है। जिन महिलाओं को शिकायत दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन जाना अच्छा नहीं लगता, उनके लिए ई-एफआईआर की सुविधा होगी और पुलिस 24 घंटे के अंदर उनके पास पहुंचेगी। इसके अलावा, उन अपराधों के लिए जिनके लिए 7 साल या उससे ज्यादा की सजा हो, उनमें दोषसिद्धि की जाँच के लिए फोरेंसिक जाँच अनिवार्य होगी। गवाहों की सुरक्षा को भी नए बिल में शामिल किया गया है, और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड में भी सुविधा है।
1 thought on “अपराध रोकने वाले ये 3 विधेयक हो सकता है 2024 के चुनाव में BJP-मोदी सरकार का मास्टर प्लान, क्या इनके सहारे फिर मिलेगी सत्ता”