Truck drivers strike: देश भर में ड्राइवरों की हड़ताल, आम जनता परेशान! गृह मंत्रालय में शुरू हुआ ड्राइवरों की मांगों पर मंथन। पूरे देशभर में प्रतिदिन औसतन एक लाख से अधिक ट्रक विभिन्न क्षेत्रों में दवाएँ पहुंचाते हैं। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, इससे अधिक संख्या में ट्रक फल और सब्जियों को पहुंचाते हैं। लगभग चार लाख से अधिक ट्रक प्रतिदिन एक क्षेत्र में रोजमर्रा की आवश्यकताओं के अनुसार अन्य छोटे सामानों को पहुंचाते हैं। हालांकि, पिछले 48 घंटों में डीजल, पेट्रोल, और सीएनजी सहित दवाओं तक सभी आवश्यक आपूर्तियों के लिए ट्रक चलाना बंद कर दिया गया है।
ट्रक ड्राइवर क्यों कर रहे हड़ताल (Truckers strike)
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अनुसार, चालकों की हड़ताल का असर तेजी से दिखाई देने लगा है। इस गंभीरता को देखते हुए, संगठन ने मंगलवार दोपहर को एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। संगठन व्यापक बातचीत के लिए गृह मंत्रालय के साथ भी संपर्क में है। सरकार ने ट्रक चालकों की हड़ताल के लोगों पर प्रभाव न होने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। ओल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस एसोसिएशन के अनुसार, भारत के सभी राज्यों में दवाओं से लेकर फल, सब्जियों और अन्य आवश्यक सामग्रियों से लैड ट्रकों में फंसी हुई हैं। संगठन के महासचिव नवीन गुप्ता के अनुसार, देशभर के ट्रक और बस चालकों ने काम बंद कर दिया है।

Truck drivers strike (Truck Drivers Protest)
इसके कारण लाखों ट्रक जो रोजाना सड़कों पर चलते हैं, वहां अटके हुए हैं। उनका दावा है कि पिछले 48 घंटों में रोजमर्रा की आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति में कमी हो रही है। वह भी बताते हैं कि जो स्टॉक लोगों के पास उपलब्ध है, वही अभी उपयोग के लिए उपलब्ध है। नवीन गुप्ता के अनुसार, अगर हड़ताल लंबे समय तक जारी रही तो रोजमर्रा की आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश गुड्स ट्रांसपोर्ट संगठन के महामंत्री पंकज शुक्ला ने कहा है कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से उठते सामान का 48 घंटे के भीतर अब तक डिपो में ही अटका हुआ है।

क्यों कर रहे Truck drivers strike
उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और राजधानी के आस-पास के राज्यों में होने वाली 90 फ़ीसदी दवाएं इसी डिपो से रोजाना पहुंचाई जाती हैं, जो अब पूरी तरह से ठप हो गई हैं। ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य विकास रस्तोगी के अनुसार, रोजमर्रा में आने वाली दवाओं की आपूर्ति बंद हो गई है तो बाजार में दवाओं की बड़ी कमी हो सकती है। उनका कहना है कि खुदरा बाजार में दवाओं की आपूर्ति रोजमर्रा के स्तर पर ही होती है, और यदि ट्रक ड्राइवरों (Truck drivers strike) की हड़ताल जारी रही, तो इसका सीधा प्रभाव मरीजों, अस्पतालों, और दवा क्षेत्र पर होगा।