Hit and Run new law: क्या है ‘हिट एंड रन’ के लिए मोदी सरकार के बनाए वे नए नियम जिन्होंने मध्यप्रदेश में CM मोहन यादव की कुर्सी हिला दी। विरोधपूर्ण ड्राइवरों का तर्क है कि टक्कर के बाद, यदि वे भागते हैं, तो उन्हें नए कानून के तहत कड़ी सजा होगी, और अगर वे रुकते हैं, तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद, भारतीय न्याय संहिता (भारतीय न्याय संहिता 2023) अब कानून बन चुका है।
केंद्र सरकार ने नियमों में क्या बदलाव किए
आने वाले समय में, इसके नए प्रावधान भारतीय पीनल कोड (IPC) के पुराने कानूनों की जगह लेंगे। लेकिन इसके एक प्रावधान के खिलाफ से विरोध शुरू हो गया है। इस विरोध का कारण है ‘हिट एंड रन’ का नया कानून। नया कानून कहता है कि सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से भाग जाता है, तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी देना पड़ेगा। कई राज्यों में ट्रक चालक इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं, और कुछ स्थानों पर चक्काजाम, अराजकता और पुलिस के द्वारा हल्के बल का प्रयोग भी हो रहा है।
Transporters and truck drivers across the country have gone on strike against the new Hit & Run law by the govt. As people abruptly learned abt drivers' strike, an anxious crowd stood stranded at Dehradun BusStand. Tentatively it's for 3 days@MORTHIndia@SocialmediaNhai @IIMCAA pic.twitter.com/06eiO8Z8u3
— At brink of sanity (@Bhupendra_56) January 1, 2024
‘हिट एंड रन’ (Hit and Run new law) का अर्थ क्या होता है?
इस परिस्थिति में यह जानना आवश्यक है कि ‘हिट एंड रन’ के नए कानून की विवरण, पुराने कानून की तुलना में क्या है, इसके खिलाफ विरोध क्यों हो रहा है, और क्या ट्रक ड्राइवरों का विरोध योग्य है। यह ऐसे प्रकरणों को सूचित करता है जिसमें जब गाड़ी एक टक्कर के बाद चालक दूर भाग जाता है, उसे ‘हिट एंड रन’ केस माना जाता है। इस प्रकार के मामलों में कई बार घायल व्यक्ति को यदि समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है तो उसकी जिम्मेदारी भी हो सकती है। पहले के कानून के अनुसार, ‘हिट एंड रन’ केस में दो साल की सजा और जमानत की स्वीकृति हो सकती थी।

(Hit and Run new law) के नए नियम क्या कहते हैं?
नये नियम के अनुसार, अगर किसी सड़क दुर्घटना के बाद चालक बिना पुलिस को सूचित करे भागता है, तो उसे 10 साल की कैद और जुर्माना का सामना करना पड़ेगा। कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर्स इसे विरोध कर रहे हैं और हड़ताल और चक्काजाम का समर्थन कर रहे हैं। Hit and Run new law के तहत, यह निजी वाहन चालकों पर भी लागू हो सकता है, जिस पर उनका विरोध है और उन्हें इसमें कुछ कमी करने का आवाज बुलाया जा रहा है।
क्यों हुआ कानून में सख्ती?
नए कानून की सख्ती का कारण सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हर साल ‘हिट एंड रन’ के मामलों में 50 हजार लोग जान गंवा रहे हैं। उन ड्राइवरों का तर्क है कि यदि वे टक्कर के बाद भी रुकते हैं, तो उन्हें नए कानून के अनुसार कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा, जबकि भागने पर उन्हें सख्त सजा हो सकती है। इसके अलावा, वे मानते हैं कि यह सख्ती सुरक्षित चालकों को सुरक्षित रहने के लिए बढ़ता है और हिंसक भीड़ के हमलों का कमी कर सकती है।

Hit and Run new law के इन प्रकरणों में शांति प्राप्त होगी, हालांकि नए कानून के तहत ड्राइवर्स को कुछ स्थितियों में राहत मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति गाड़ी से टकराता है और उसने सड़क को गलत तरीके से पार किया हो या गाड़ी के सामने आ गया हो, तो ड्राइवर को अधिकतम पांच वर्ष की सजा और जुर्माना देना होगा। हालांकि, यदि टक्कर गाड़ी गलत ढंग से चलाने की कारण हुई हो, तो ड्राइवर को 10 वर्षों तक की क़ैद भी करनी होगी।
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