Bhai Dooj: यम फांस से बचने के लिए भाई दूज पर भाई-बहन करें प्रदीप मिश्रा के ये अचूक उपाय

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Bhai Dooj: यम फांस से बचने के लिए भाई दूज पर भाई-बहन करें प्रदीप मिश्रा के ये अचूक उपाय
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Bhai Dooj: यम फांस से बचने के लिए भाई दोज पर भाई-बहन करें प्रदीप मिश्रा के ये अचूक उपाय। कल 12 नवंबर को पुरे देश दुनिया में दीपावली का त्यौहार खूब धूम धाम से मनाया गया। छोटी दिवाली से शुरू होकर 5 दिनों तक चलने वाले दीपावली उत्सव में अब गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाया जाएगा। लेकिन हम आपको बता दें आमतौर पर दिवाली के बाद दूसरे दिन मनाए जाने वाले भाई-बहन का पर्व भाई दूज या भाई दोज की तिथि इस बार बदल गई है।

कब मनाया जाएगा Bhai Doo 2023 date

भाई दूज (Bhai Dooj)का पर्व कार्तिक मास में दिवाली के दूसरे दिन हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार ज्योतिषशास्त्र और हिन्दू पंचाग के अनुसार तिथियों में भुगत भोग्य यानी तिथियों के घटने-बढ़ने के कारण भाई दूज की तिथि भी परिवर्तित हो गई है। आपको बता दें वर्ष 2023 में दिवाली का पांच दिवसीय उत्सव इस बार छह दिन का है। इसलिए गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) और भाई दूज (Bhai Dooj) दोनों पर्व की तिथि भी बदल गई है। 2023 में कल यानि 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी, इसलिए भाई दूज 15 नवंबर को मनाई जाएगी। 

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Bhai Dooj: यम फांस से बचने के लिए भाई दूज पर भाई-बहन करें प्रदीप मिश्रा के ये अचूक उपाय

Bhai Dooj का महत्व

आपको बता दें भाई और बहन यम फांस से बचने के लिए भाई दूज का पर्व मनाते है। बताया जा रहा है कि यम द्वितीया जिसे आम बोलचाल की भाषा में हम भैया दूज के नाम से जानते है, यह पर्व मथुरा विश्राम घाट पर 15 नवंबर को मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भैया दूज (Bhai Dooj) के दिन यम की फांस से मुक्ति के लिए भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर प्रेम और श्रद्धा से यमुना में डुबकी लगाएंगे। जिसके बाद परिवार एक मात्र प्रसिद्ध यमुना-धर्मराज मंदिर में भाई और बहन के नाम से पूजन-अर्चन कराएगा और अपनी व अपने भाई बहन की लंबी उम्र के लिए कामना करेंगे।

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लाखों श्रद्धालु करते है ये उपाय

इसके बाद बहनें अपने भाई का टीका कर, माँ युमना से अपने भाई की दीर्घायु की कामना करती है। आपको बता दें भाई दूज के दिन यमुना और यमराज की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि पुराणों के अनुसार भगवान सूर्य और संध्या की संतान यम-यमी यानि यमराज और माँ यमुना दोनों भाई-बहन हैं। यमी अर्थात यमुना माँ ने सतयुग में करोड़ों वर्षों की कड़ी तपस्या करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया और नारायण ने भी यमुना की तपस्या से प्रसन्न होकर कहा कि मैं द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित होकर आपका वरण करूंगा।

दूज पर धर्मराज ने यमुना को दिया था वरदान  

हिन्दू धर्म और धर्म ग्रंथों में ये कथा भी प्रचलित है कि बहन यमुना के निमंत्रण पर भाई धर्मराज यानि यमराज संयोगवश दिवाली के बाद आने वाली दूज (Bhai Dooj) के दिन अपनी बहन से मिलने आए। भाई धर्मराज को देख युमना बहुत प्रसन्न हुई और यमुना ने भाई का सादर सत्कार कर टीका कर उन्हें छप्पन भोग के साथ भोजन कराया। बहन के आतिथ्य सत्कार से भाई धर्मराज इतना अधिक प्रसन्न हुए की धर्मराज ने युमना को एक वर मांगने को कहा।

Bhaiya dooj kab hai, Bhai dooj kab hai

जिसके बाद यमुना ने भाई के आग्रह करने पर वर मांगा कि यम द्वितीया पर्व यानि (Bhai Dooj) पर जो भी भाई-बहन हाथ पकड़ कर विश्राम घाट पर स्नान करके इस मंदिर के दर्शन करेंगे तो आप उन्हें मृत्यु के पश्चात यमलोक को नहीं ले जाएंगे।

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