फिल्म की शुरुआत यंग कृष्णा (शांतनु माहेश्वरी) और वसु उर्फ वसुधा (सई मांजरेकर) से होती है।
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वसु, कृष्णा के कंधे पर सिर टिकाए बैठी उससे पूछती है- 'कृष्णा, कोई हमको अलग तो नहीं करेगा न?'
वसु, कृष्णा के कंधे पर सिर टिकाए बैठी उससे पूछती है- 'कृष्णा, कोई हमको अलग तो नहीं करेगा न?'
इस पर कृष्णा उसे जवाब देता है- 'हम चेक किए थे, अभी तक कोई पैदा नहीं हुआ है किसी ने कोशिश भी की न, तो आग लगा देंगे दुनिया को।
इसके बाद आप यंग-चुलबुले लड़के से खतरनाक बन चुके कृष्णा (अजय देवगन) को जेल दूसरे कैदियों के साथ देखते हैं।
कृष्णा का दबदबा ऐसा है कि उसके चश्मा उतारते हुए दूसरे कैदी पतली गली पकड़ लेते हैं और जो बच जाते हैं, उनके सामने दोबारा खड़े होने लायक नहीं रहते22 साल से कृष्णा डबल मर्डर की सजा काट रहा है।
मुंबई के आर्थर रोड जेल में उसकी पहचान अब सबसे हो गई है. पुलिसवालों से लेकर कैदियों तक के बीच उसकी इज्जत है।
इस बीच जब उसे पता चलता है कि उसकी 25 साल की सजा को घटा दिया गया है और उसे अब घर जाना है तो वो डर जाता है।
बचपन में ही अनाथ हो गए कृष्णा के पास वापस जाने को कोई घर नहीं है. वसुधा उसका सबकुछ थी, लेकिन जिंदगी के जिस मोड़ पर वो दोनों खड़े हैं वहां एक दूसरे को अपनाना नामुमकिन है।
ऐसे में वो जेल से निकल क्या करेगा. इसी बात का हवाला देकर वो अपनी रिहाई रोकने की दरख्वास्त करता है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता।
इस सबके बीच उसे उस काली-अंधेरी रात को फिर से जीना पड़ेगा, जिसने उसकी और वसुधा की जिंदगी को आम लव स्टोरी से बदलकर 'ऊपरवाले इम्तिहान' बना दिया था।
पेपर पर लिखी यंग लवर्स के एक दूसरे के प्यार में पड़ने, रोज मिलने, फिर एक हादसे की वजह से बिछड़ने और सालों बाद दोबारा एक-दूसरे के आमने-सामने आ खड़े होने की।
ये दास्तान काफी रोमांटिक, इंटेंस और इमोशनल लगती है. लेकिन क्या पिक्चर देखने में ऐसी ही है?
Thank Fou For Watching Up Nextजाने कैसे हुई अवनी कामदार की मौत क्या है पूरा सच