VK Pandian: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले IAS वीके पांडियन को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा

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VK Pandian: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले IAS वीके पांडियन को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा
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VK Pandian: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले IAS वीके पांडियन को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा “ओडिशा समाचार: ओडिशा सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय किया है, और सीएम नवीन पटनायक के पूर्व सचिव, वी.के. पांडियन (VK Pandian)को मंत्री मंडल का सदस्य बनाया है। इस जिम्मेदारी को उन्हें वीआरएस से जुड़ने के एक दिन बाद ही सौंपा गया है। ओडिशा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की है कि सीएम नवीन पटनायक के पूर्व सचिव, वी.के. पांडियन, को अब मंत्री मंडल का हिस्सा बनाया जाएगा। इस स्थिति को सामने आने के सिर्फ एक ही दिन के बाद हो रहा है, जिससे उनके कार्यक्षेत्र में वीआरएस की जिम्मेदारी को संभालने का महत्वपूर्ण कार्य होगा।”

“ओडिशा समाचार: ओडिशा की नवीनतम खबर: ओडिशा से प्रशासनिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) की मंजूरी प्राप्त करने के एक दिन बाद ही वीके पांडियन (VK Pandian)को ओडिशा सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री के पद पर नियुक्त किया गया है। वह 5T (परिवर्तनकारी पहल) के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यभार निभाएंगे। इस विशेष बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि उन्हें सीधे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को रिपोर्ट करनी होगी।”

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VK Pandian: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले IAS वीके पांडियन को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा

VK Pandian बड़ी गौरव की बात

ओडिशा समाचार में यह घटना बड़ी गौरव की बात है क्योंकि वीके पांडियन को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मंजूरी मिलने के बाद ही इस महत्वपूर्ण पद का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने अपने अग्रणी और उपयोगी कार्यकाल के बाद कैबिनेट मंत्री के तौर पर नौकरी पाई है। इसके अलावा, वह 5T पहल के अध्यक्ष के रूप में अहम भूमिका निभाएंगे, जिसमें सरकारी प्रक्रियाओं और प्रशासनिक कार्यवाहिकाओं में सुधार करने के लिए नए उपायों की खोज की जाती है। इससे ओडिशा के विकास और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।

इस घटना का और एक खास महत्व है क्योंकि वीके पांडियन सीधे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ काम करेंगे, जिससे सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के अधिक अच्छे रूप में प्रबंध किया जा सकेगा।” आईएएस अधिकारी वीके पांडियन राज्य में बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति माने जाते हैं। बार-बार, उड़ीसा के विपक्षी दल पांडियन पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह सरकार में अधिक सत्ता और प्राधिकृति रखते हैं, और सरकार में भी उनका महत्वपूर्ण दायित्व है। चर्चा में है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।

आईएएस अधिकारी वीके पांडियन राज्य में एक शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध हैं। अक्सर उड़ीसा के पिपक्षी दल पांडियन पर आरोप लगाते रहते हैं कि वह सरकार के सदस्यों से अधिक अधिकार और प्राधिकृति रखते हैं, और सरकार के अंदर भी उनका महत्वपूर्ण विचार मान्य किया जाता है। यह विचार है कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।

सचिव के रूप में काम किया

2000 बैच के IAS अधिकारी ने पिछले 12 वर्षों तक नवीन पटनायक के सचिव के रूप में काम किया था। उनका कैडर ओडिशा का ही था। 2002 में, उन्होंने कालाहांदी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर के पद को संभाला था। पहली बार 2005 में, उन्होंने मयूरभंज के डिप्टी कमिशनर के रूप में काम किया था। इसके बाद, उनको मुख्यमंत्री कार्यालय के गृह जनपद गंजम में तबादला किया गया। 2011 में, वीके पांडियन को मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनाती मिली, और इसके बाद से वह नवीन पटनायक के व्यक्तिगत सचिव के पद पर कार्यरत रहे।

VK Pandian: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले IAS वीके पांडियन को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा

2000 बैच के IAS अधिकारी वीके पांडियन ने एक बेहद समर्पित और सफल प्रशासनिक करियर का सफर तय किया। उन्होंने ओडिशा राज्य के सेवाओं में अपनी पहचान बनाई और नवीन पटनायक के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।2002 में, वीके पांडियन को कालाहांदी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली, जो उनके प्रबंधनीय कौशल का परिचय देती है। उन्होंने वहाँ कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया और जनता के लिए विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

2005 में, उन्होंने(VK Pandian) मयूरभंज जिले के डिप्टी कमिशनर के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने स्थानीय विकास और प्रशासनिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।उनका तबादला सीएम के गृह जनपद गंजम में हुआ, जहाँ वह सीएम के कार्यालय में अपने प्रशासनिक योग्यता को प्रदर्शन करने का मौका प्राप्त किया।

पांडियन के संबंध में कई विभिन्न विचार प्रस्तुत किए जा रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि 2024 के आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री के पद के लिए चयन किया जा सकता है। उन्हें (VK Pandian)नवीन पटनायक के साथ विशेष रूप से देखा जा रहा है, और नवीन पटनायक की आयु और स्वास्थ्य कारणों से इस बार सीएम पद से इस्तीफा देने की संभावना है। इस परिस्थिति में, वह मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बैठ सकते हैं।

VK Pandian की स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति

पांडियन की स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति और उनके तेजी से मंजूर किए जाने से उन्हें मंत्रिमंडल के सदस्य बनाने के साथ ही इस चर्चा को और भी मजबूती मिल रही है। उनकी योगदान के कारण, उन्होंने खुद को एक अद्वितीय रूप में साबित किया है और उनके पॉलिटिकल करियर के अगले मोड़ के संदर्भ में विचार किए जा रहे हैं। यह सब तब हो रहा है जब समाज में उनके नाम के चार्चे आगे बढ़ रहे हैं और उन्हें अपने पार्टी के विकासकारी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि पांडियन (VK Pandian)का राजनीतिक करियर एक नई मोड़ पर है और उनके सामर्थ्य को नया दिशा देने की ओर बढ़ रहा है।

VK Pandian: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले IAS वीके पांडियन को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा

पांडियन (VK Pandian)के इस्तीफे पर भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा कि पांडियन ने अपने राजनीतिक क्रियाकलापों को आगे बढ़ाने के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने(VK Pandian) इस तरीके से बताया कि “अब वह स्पष्ट रूप से राजनीति कर सकेंगे, नौकरशाही के मुखौटे के बजाय, लेकिन उन्हें ओडिशा के लोग स्वीकार नहीं करेंगे।”

भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने और भी व्यापक शब्दों में पांडियन (VK Pandian)के इस इस्तीफे की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि पांडियन के इस निर्णय से व्यक्ति राजनीतिक मानवता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जिससे वह अब खुलकर राजनीति करने का मौका पाएंगे। वह यह भी उम्मीद करते हैं कि ओडिशा के नागरिक इस नए पथ का समर्थन करेंगे, लेकिन इसके बावजूद, यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।

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