Vijayakanth: सैकड़ों मुश्किलों और उतार-चढ़ाव से भरा हुआ था विजयकांत का जीवन, जानिए उन्होंने कैसे तय किया अभिनेता से नेता बने का सफर। अभिनेता से नेता बने कैप्टन विजयकांत का निधन गुरुवार 28 दिसंबर को निधन चैन्नई में हो गया वह कोरोना से भी संक्रमित थे कैप्टन विजयकांत ने राजनीति में भी उन्होंने बहुत सारे धुरंधरों को मात भी दी आज लोग उनकी उपलब्धियों को याद कर रहे हैं और उनको श्रद्धांजलि दे रहे है राजनीति के सभी नेता उनके निधन का शोक जाता रहे है राजनीति में कैप्टन विजयकांत ने बाउट सारे चौंकाने वाले काम किये है।
नारायणन विजयराज अलगरस्वामी, जिन्हें आमतौर पर उनके मंच के नाम विजयकांत से अधिक पहचाना जाता है, एक भारतीय राजनेता और पूर्व अभिनेता हैं जिन्होंने मुख्य रूप से तमिल सिनेमा में कार्य किया है। उन्होंने 2011 से 2016 तक तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। राजनीति में पहले उन्होंने एक सफल अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में अपना पहला कदम रखा था। विजयकांत तमिलनाडु विधानसभा के वर्तमान डीएमडीके अध्यक्ष भी हैं और उन्हें देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कज़गम (डीएमडीके) राजनीतिक दल के संस्थापक और अध्यक्ष महासचिव के रूप में भी जाना जाता है। वह विधान सभा के सदस्य के रूप में विरुधचलम और ऋषिवंदियम के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Vijayakanth Death: कोरोना से साउथ के मेगास्टार और DMDK के संस्थापक विजयकांत का निधन, COVID-19 के चलते वेंटिलेटर पर थेhttps://t.co/k4ITT7SYMo#RIPVijayakanth #Vijayakanth #Captain #captainvijayakanth #Dhoom4 #RatanTata #BusAccident #DelhiFog #Nagpur @narendramodi #Corona #Covid
— MP Express (@mpexpress09) December 28, 2023
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कैसा रहा Vijayakanth का राजनैतिक जीवन ?
विजयकांत उन बहुत कम तमिल अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर में केवल तमिल फिल्मों में काम किया है और उनकी फिल्में ज्यादातर तेलुगु और हिंदी में डब की गई हैं। उन्हें फिल्म उद्योग में “पुराची कलाइग्नार” (क्रांतिकारी कलाकार) के रूप में पहचाना जाता है और उन्हें उनकी फिल्मों में देशभक्त, गांव के उत्तराधिकारी, और दोहरी भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। उनकी अधिकांश फिल्में भ्रष्टाचार, ईमानदारी और वादों को पूरा करने के चारों ओर घूमती हैं। उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के रूप में 20 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है और उन्हें कम बजट की फिल्मों के लिए भी जाना जाता है, जिनमें चुनौतीपूर्ण स्टंट्स दिखाए जाते थे,

जिसमें वे अकेले ही अपने दुश्मनों को हराते थे। उन्होंने प्रतिदिन 3 शिफ्ट में काम किया और यह उनके शिल्प के प्रति समर्पण का परिचय था। विजयकांत ने विलंबित पारिश्रमिक लिया और कभी-कभी संघर्षरत उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने कभी भी समर्थन नहीं दिया। इसके अलावा, उन्होंने अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए फिल्म उद्योग में प्रवेश करने के समय अपने नाम को “राज” से हटाकर “कंठ” के साथ जोड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने बॉक्स-ऑफिस पर लगातार चर्चा करने वाली एक्शन फिल्में के बाद 1991 में अपनी 100वीं फिल्म “कैप्टन प्रभाकरन” के साथ “कैप्टन” की उपाधि प्राप्त की।
जाने कैसे पड़ा विजयकांत का नाम कैप्टन Vijayakanth:-इनका पूरा नाम नारायणन विजयराज अलगरस्वामी था इनका जन्म सन 1952 में मदुरै में हुआ था उन्होंने फिल्मी करियर के बीच उन्होंने आपने नाम से राज’ हटा दिया और कांत जोड़ लिया तो आपके मन में सवाल होगा की उनके नाम के आगे कैप्टन नाम कैसे जुड़ गया 1991 में एक फिल्म की थी फिल्म कैप्टन प्रभाकरन में उनके चरित्र से आया है जिसमें उन्होंने एक वन अधिकारी की भूमिका निभाई थी जब से उनके नाम के आगे कैप्टन लगाया जाने लगा

जाने अब तक Vijayakanth ने कितनी फिल्मों में किया काम:- विजयकांत का फ़िल्मी करियर भी बहुत अच्छा रहा है माना जाता है कि उन्होंने अब तक जितनी फिल्मों में काम किया है लगभग वो सभी हिट हुई है उन्होंने अब तक 154 फिल्मों में काम किया है और उसके बाद फिर उन्होंने राजनैतिक करियर में कदम रख लिया था और 2005 में विजयकांत ने द्रमुक और अन्नाद्रमुक के प्रभुत्व वाले तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य में देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (DMDK) नाम के पार्टी की स्थापना की 2006 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की पहली चुनावी परीक्षा में केवल विजयकांत ही विजेता बने और उन्होंने आपने राजनैतिक करियर में भी बहुत सफलता पायी

कौन कौन सी बीमारी थी Vijayakanth को:-विजयकांत इससे पहले इसी महीने अस्पताल से घर वापस लौटकर आये थे उनकी सांस की बीमारी का इलाज चल रहा था वे लम्बे समय से बीमार थे और इसी के चलते हुए उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ता था और उनके निधन से पहले वे कोरोना पीड़ित भी हो गए थे