उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, Vice President Jagdeep Dhankhar: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात (21 जुलाई) को अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपते हुए अपने फैसले का कारण भी बताया। साल 2022 में इस जिम्मेदारी को संभालने वाले धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन उन्होंने उससे पहले ही पद छोड़ने का निर्णय लिया
धनखड़ ने क्यों छोड़ा उपराष्ट्रपति का पद?
अपने इस्तीफे में जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह निर्णय उन्होंने डॉक्टरों की सलाह और अपनी सेहत को देखते हुए लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता है और इसी वजह से उन्होंने यह पद त्याग दिया।
धनखड़ ने पत्र में लिखा –
“स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और चिकित्सकों की सलाह का पालन करते हुए मैं उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”
अब अगला उपराष्ट्रपति कौन हो सकता है?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन चर्चाओं में जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। वे पिछले कुछ वर्षों से संसद के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनका मौजूदा कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है, जिससे उनकी उम्मीदवारी को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं।

क्या पहले भी उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे हुए हैं?
Vice President Jagdeep Dhankhar से पहले देश के दो अन्य उपराष्ट्रपति भी अपने कार्यकाल को पूरा किए बिना ही इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें वी.वी. गिरि और आर. वेंकटरमन शामिल हैं। दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था। इस तरह धनखड़, भारत के इतिहास में तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने कार्यकाल के बीच में पद छोड़ा।
धनखड़ का राजनीतिक सफर और अनुभव
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दी थीं। वे जुलाई 2019 से जुलाई 2022 तक इस पद पर रहे। इससे पहले वे केंद्र सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। धनखड़ का राजनीतिक जुड़ाव राजस्थान से रहा है, जहां उन्होंने झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद के रूप में भी कार्य किया है।
राज्यस्तरीय राजनीति में भी उनका अच्छा खासा अनुभव है। वे 1993 से 1998 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं।

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वकालत के क्षेत्र में भी रहा लंबा करियर
राजनीति में आने से पहले धनखड़ एक सफल वकील के तौर पर भी पहचान रखते थे। उन्होंने 1990 में राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत की शुरुआत की और बाद में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे। वे राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनका कानूनी ज्ञान और अनुभव उन्हें अलग पहचान दिलाता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
धनखड़ का अचानक इस्तीफा राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक तरफ उनके फैसले को स्वास्थ्य के नजरिए से सही बताया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नए उपराष्ट्रपति के नाम को लेकर भी कयास तेज हो गए हैं। आने वाले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि देश को अगला उपराष्ट्रपति कौन मिलेगा।