Vastu Drainage Direction: वास्तु के अनुसार किस ओर होना चाहिए घर के गंदे जल का निकास। घर के निर्माण में वास्तुशास्त्र भारतीय समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार, एक घर के निर्माण में सभी विवेक और संवेदनशीलता के साथ काम किया जाना चाहिए। इस शास्त्र के माध्यम से, हम घर को उपयुक्तता और सकारात्मक ऊर्जा की भूमिका में रखते हुए उसकी निर्माण रचना कर सकते हैं। घर की जल सुधारिति और निर्माण में एक महत्वपूर्ण अंश है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के गंदे जल का निकास सही ओर में होना चाहिए।
उत्तर और पश्चिम दिशा में गंदा पानी का निकास
इसका सही अनुसरण न करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा इकट्ठा हो सकती है, जिससे लोगों के जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि उत्तर और पश्चिम दिशा में गंदे पानी का निकास होना चाहिए। उत्तर और पश्चिम दिशा से निकलने वाला पानी पुरुष और स्त्री के बीच समानता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही, इस दिशा में निकलने वाला पानी बुरी ऊर्जा को बाहर निकालता है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
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उत्तर पूर्व दिशा में गंदे पानी का निकास
वास्तुशास्त्र के अनुसार, उत्तर पूर्व दिशा में गंदे पानी का निकास होना चाहिए। यह दिशा संतान समृद्धि और प्रोत्साहन को दर्शाती है। इस दिशा में गंदे पानी का निकास करने से परिवार में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।
दक्षिण और पूर्व दिशा में गंदे पानी का निकास
वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि दक्षिण और पूर्व दिशा में भी गंदे पानी का निकास होना चाहिए। इससे घर के लोगों के बीच में अच्छा संबंध बना रहता है और संघर्षों को कम किया जा सकता है।
Vastu Drainage Direction सावधानियाँ
यहां कुछ सावधानियाँ हैं जो ध्यान में रखने चाहिए जब आप अपने घर में गंदे पानी का निकास बना रहें हैं।
- निकास की दिशा: निकास की दिशा को ध्यान में रखते हुए ही गंदे पानी का निकास बनाएं।
- निर्माण सामग्री: गंदे पानी के निकास के लिए उपयुक्त सामग्री का चयन करें।
- नियमित अनुशासन: निकास की सुरक्षा और साफ-सफाई के लिए नियमित अनुशासन करें।
वास्तुशास्त्र अनुसार, एक घर के संरचना में ध्यान देने का महत्व है। गंदे पानी का सही निकास हमारे घर के ऊर्जा को संतुलित और सकारात्मक रखने में मदद करता है। इसलिए, हमें वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों का सही अनुसरण करते हुए अपने घर की निर्माण रचना करनी चाहिए ताकि हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।