Vaikunta Ekadashi: वैकुंठ एकादशी व्रत में इस विधि से करें भगवान विष्णु का पूजन और पढ़ें यह पौराणिक कथा मिलेगी सभी पापों से मुक्ति। हिन्दू धर्म में एकादशी (Mukkoti Ekadashi) का विशेष महत्व माना जाता है। यह व्रत धनुर्मास में पड़ती है और इस दिन भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुण्ठ का द्वार खुलता है। इस व्रत का पालन करने वालों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और वे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त करते हैं। इस व्रत के पालन से भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी मिलती है।
Vaikunth Ekadashi Vrat Katha
एक कथा के अनुसार, चंपकनगर में एक राजा रहता था जिसका नाम वैखानस था। एक रात राजा को एक भयंकर सपना आया, जिसमें उन्होंने अपने पिता को यमलोक में बहुत सी यातनाएं सहते देखा। इसके बाद राजा ने अपने मंत्रियों को बुलाया और उन्हें इस सपने के बारे में बताया। मंत्रियों ने राजा को उसके पिता को मुक्ति दिलाने का उपाय बताया। मंत्रियों की सलाह पर राजा ने पर्वत मुनि के आश्रम जाकर उनसे सहायता मांगी। पर्वत मुनि ने राजा को बताया कि उनके पिता का अपराध था, जिसके कारण वे यमलोक में यातनाएं झेल रहे थे।
Vaikunta Ekadashi व्रत की तिथि
मुनि ने राजा को मार्गशीर्ष मास की एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी और विधिवत उस व्रत के नियमों का पालन करने को कहा। इसके बाद राजा ने मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन किया, दान-धर्म किया और उसके परिणामस्वरूप उनके पिता ही नहीं बल्कि सभी यमलोक में यातना झेल रहे जीवों को भी मुक्ति मिली और वे बैकुंठ धाम की प्राप्ति कर ली। इस वर्ष, वैकुण्ठ एकादशी 22 और 23 दिसंबर 2023 को मनाई जा रही है। वैष्णव संप्रदाय के अनुयायियों ने 23 दिसंबर 2023, जो कि शनिवार है, को इस अवसर पर व्रत और पूजा करना निश्चित कर लिया है।
Vaikunta Ekadashi व्रत का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 22 दिसंबर 2023 को सुबह 08:16 बजे से प्रारंभ होकर 23 दिसंबर 2023 को 07:11 बजे तक रहेगी। इस दिन, विष्णु की पूजा करना और व्रत रखना बहुत फलदायक है। वैकुंठ एकादशी की कथा भी पढ़नी चाहिए। इस व्रत का पारण समय 24 दिसंबर 2023 को सुबह 6 बजकर 33 मिनट से सुबह 8 बजकर 52 मिनट तक है। इस व्रत से व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है और वह वैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त करता है। इसलिए, इसे मुक्कोटी एकादशी भी कहा जाता है और इस व्रत करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु की हमेशा कृपा रहती है।
वैकुंठ/मुक्कोटी एकादशी व्रत पूजा विधि
- वैकुंठ एकादशी (Vaikunta Ekadashi) की सुबह, स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- फिर गंगा जल से भगवान का अभिषेक करें।
- तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत के साथ भगवान नारायण की पूजा करें।
- पूरे दिन अन्न-जल ग्रहण न करें, व्रत निर्जला रखें।
- शाम को दीपदान करने के बाद फलाहार करें।
- अगले दिन जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं, दान दें और फिर पारण करें।