Ujjain News:: मस्तक पर बेल पत्र और चंद्र, पहनी मोगरे की माला, भस्म आरती में ऐसे सजे बाबा महाकाल; दिए दर्शन
Ujjain News:: बाबा महाकाल का भस्म आरती में दिव्य रूप: मोगरे की माला और चंद्र से सजे दिखे!उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में आज सुबह के समय भस्म आरती के दौरान कुछ ऐसा दिव्य दृश्य देखने को मिला, जिसने हर भक्त का मन मोह लिया। महादेव का श्रृंगार आज विशेष रूप में किया गया जिसमें उनके मस्तक पर बेलपत्र और चंद्रमा, गले में मोगरे की माला और पूरे शरीर पर भस्म का चंदन रूप बिखरा हुआ था।

🌅 भोर होते ही उमड़े भक्त, भक्ति का दरिया बहा
हर दिन की तरह, आज सुबह भी जैसे ही उज्जैन की गलियों में प्रभात बेला हुई, भक्तों का तांता महाकाल मंदिर की ओर उमड़ पड़ा। सुबह 4 बजे से ही लाइन में खड़े लोग भस्म आरती में शामिल होने के लिए मंदिर परिसर में एकत्र हुए थे। सावन माह चल रहा है, ऐसे में शिव भक्तों की संख्या और भी ज्यादा देखने को मिल रही है।
🙏 भस्म आरती में हुआ दिव्य श्रृंगार
महाकालेश्वर को हर दिन भस्म से स्नान कराया जाता है, जिसे “भस्म आरती” कहा जाता है। लेकिन आज का दृश्य कुछ विशेष था। बाबा महाकाल के मस्तक पर बेलपत्र और चंद्र, उनके गले में सफेद मोगरे के फूलों की माला और आँखों में असीम शांति लिए महादेव का स्वरूप अद्वितीय लग रहा था।
🌸 क्यों खास था आज का दिन?
आज का दिन विशेष रूप से शुभ माना जा रहा था क्योंकि यह श्रावण मास का गुरुवार था, जो कि शिव पूजा के लिए अत्यंत फलदायी होता है। यही कारण रहा कि मंदिर प्रशासन ने विशेष श्रृंगार की व्यवस्था की थी। पंडितों और सेवकों ने घंटों मेहनत कर बाबा को इस अलौकिक रूप में सजाया।
🔥 भस्म आरती की दिव्यता का वर्णन शब्दों से परे
भस्म आरती के दौरान वातावरण मंत्रों की ध्वनि, ढोल-नगाड़ों और शंखध्वनि से गूंज रहा था। चारों ओर रोशनी, भक्ति, भजन और आस्था का माहौल था। जैसे ही पुजारी ने बाबा के मुख पर भस्म लगाई, भक्तों ने “हर हर महादेव” के जयकारों से पूरा परिसर गूंजा दिया।
📸 सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्य
महाकाल का ये दिव्य रूप सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। कई श्रद्धालु और स्थानीय मीडिया चैनल्स ने इस अलौकिक दर्शन की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए, जिनमें बाबा के भक्ति भाव से लिपटे दर्शन हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।
🌿 बेलपत्र और मोगरे की माला का धार्मिक महत्व
- बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि तीन पत्तियों वाले बेलपत्र को चढ़ाने से त्रिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
- मोगरे के फूल शांति, पवित्रता और समर्पण के प्रतीक माने जाते हैं। इनकी खुशबू से वातावरण भी सकारात्मक हो जाता है।
आज बाबा महाकाल को इन दो प्रतीकों से सजाया गया, जिससे यह श्रृंगार और भी भावपूर्ण हो गया।
🧘 भक्तों ने कहा – ऐसा रूप पहले कभी नहीं देखा
भक्तों का कहना था कि उन्होंने आज तक बाबा को इतना दिव्य स्वरूप में नहीं देखा। एक श्रद्धालु भावुक होते हुए बोले –
“आज बाबा को देखकर ऐसा लगा मानो स्वयं कैलाश से उतरकर महाकाल हमारे बीच आए हों।”
📅 मंदिर प्रशासन ने कहा – हर दिन है खास, लेकिन कुछ दिन होते हैं अद्वितीय
महाकाल मंदिर समिति के एक सदस्य ने बताया कि सावन माह में हर दिन विशेष व्यवस्था होती है, लेकिन कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आस्था और श्रद्धा मिलकर खुद चमत्कार रच देते हैं। आज भी कुछ वैसा ही अनुभव हुआ।
💡 दर्शन और श्रृंगार की लाइव व्यवस्था
श्रद्धालुओं के लिए महाकाल मंदिर की भस्म आरती की लाइव स्ट्रीमिंग व्यवस्था भी की गई, जिससे देश-विदेश में बैठे भक्त भी अपने आराध्य के दर्शन कर सके। यूट्यूब, फेसबुक और मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट पर लाखों लोगों ने बाबा के इस रूप को देखा और सराहा।

🌍 देशभर से आए श्रद्धालु
आज के दिन उज्जैन में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचे थे – महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, बिहार, दिल्ली, बंगाल और यहां तक कि नेपाल से भी कई भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
📝 Ujjain News:: बाबा महाकाल !
भक्ति, श्रद्धा और अलौकिकता का संगम जब एक ही स्थान पर देखने को मिले, तो उसे महाकाल मंदिर कहा जा सकता है। बाबा महाकाल का आज का भस्म आरती स्वरूप भक्तों के मन में जीवनभर के लिए अमिट छाप छोड़ गया। यह सिर्फ एक पूजा नहीं थी, बल्कि आत्मा के शिव से मिलने का अनुभव था।