Ujjain Mahakaleshwar मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित 11वीं सदी की दुर्लभ प्रतिमा, नागपंचमी पर सोमवार रात 12 बजे से खुलेगा मंदिर उज्जैन, मध्य प्रदेश – आस्था, परंपरा और रहस्यमय धार्मिक अनुभूति का संगम बनने वाला एक विशेष अवसर फिर से दस्तक देने वाला है। बात हो रही है श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर की, जो उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में स्थित है। ये मंदिर सालभर में केवल एक बार, नागपंचमी के पर्व पर 24 घंटे के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है।
इस बार 28 जुलाई 2025, सोमवार की मध्य रात्रि 12 बजे से श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन का दुर्लभ अवसर मिलेगा, जो अगले दिन 29 जुलाई की रात 12 बजे तक जारी रहेगा।

🕉️ क्या है श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर की खासियत?
श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। यह मंदिर न सिर्फ अपनी धार्मिक मान्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां स्थापित भगवान शिव की एक अनोखी मूर्ति, जिसमें वे शेषनाग की छाया में विराजमान हैं, इतिहास और शिल्पकला दोनों की दृष्टि से बेजोड़ मानी जाती है। यह प्रतिमा लगभग 11वीं सदी की मानी जाती है और इसे दक्षिण भारतीय वास्तुकला के एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में देखा जाता है।
इस मंदिर का पट साल में केवल एक बार नागपंचमी पर ही आम भक्तों के लिए खोला जाता है। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व होता है, और भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने से सर्प दोष, कालसर्प योग, और जीवन की विषैली बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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📿 दर्शन की व्यवस्था और समय
इस वर्ष नागपंचमी का पर्व 28 जुलाई की रात 12 बजे से शुरू होकर 29 जुलाई तक मनाया जाएगा। इसी अवधि में नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले जाएंगे। मंदिर प्रशासन द्वारा इस दिन दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
- प्रवेश समय: सोमवार, 28 जुलाई की रात 12 बजे से
- दर्शन का समापन: मंगलवार, 29 जुलाई की रात 12 बजे तक
- स्थान: महाकाल मंदिर परिसर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
श्रद्धालु मंदिर के भीतर कतारबद्ध होकर दर्शन करेंगे। सुरक्षा, स्वास्थ्य, भीड़ नियंत्रण, और प्राथमिक चिकित्सा जैसी व्यवस्थाएं पूरी तरह मुहैया कराई जाएंगी।
🙏 नागचंद्रेश्वर के दर्शन का महत्व
हिंदू धर्म में नागों की पूजा विशेष रूप से श्रावण मास में की जाती है, विशेषकर नागपंचमी पर। यह माना जाता है कि इस दिन नागदेवता प्रसन्न होकर अपने भक्तों को संपत्ति, सुरक्षा और सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं।
श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने से:
- सर्पदोष से मुक्ति मिलती है
- कालसर्प योग जैसे ग्रह दोष शांत होते हैं
- जीवन में आने वाली अचानक विपत्तियों और बाधाओं से रक्षा होती है
- संतान प्राप्ति और सुखमय पारिवारिक जीवन की कामना पूरी होती है

📸 दर्शन का अनुभव और भीड़
हर साल हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं केवल इस विशेष दर्शन के लिए। मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लंबे इंतज़ार और कतारों का सामना करना पड़ता है, लेकिन श्री नागचंद्रेश्वर के दुर्लभ और चमत्कारी दर्शन उस हर पल को सार्थक बना देते हैं।
मंदिर के भीतर दर्शन के समय मोबाइल कैमरा, फोटोग्राफी या वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति नहीं होती, जिससे आध्यात्मिक वातावरण में शांति बनी रहती है।
🏛️ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक मान्यता का केंद्र है, बल्कि इतिहास प्रेमियों और पुरातत्व शोधकर्ताओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है। भगवान शिव की यह दुर्लभ मूर्ति, जिसमें वे शेषनाग की छाया में विराजमान हैं, शायद भारत में इस स्वरूप में कहीं और नहीं देखने को मिलती।
इसकी रचना उस कालखंड की धार्मिक श्रद्धा, कला और शिल्प की गहराई को दर्शाती है। यही कारण है कि ये मंदिर उज्जैन आने वाले हर श्रद्धालु की सूची में शामिल होता है।
🚩 श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- दर्शन के लिए समय से पहले लाइन में लगें
- भीड़ को देखते हुए वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं और बच्चों के साथ सावधानी बरतें
- मंदिर में प्रवेश से पूर्व मोबाइल, बैग आदि लॉकर में रखें
- पूजा सामग्री मंदिर परिसर के अधिकृत स्टॉल से ही खरीदें
- संयम और अनुशासन बनाए रखें
Ujjain Mahakaleshwar
श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर एक ऐसा स्थल है जो सिर्फ श्रद्धा का नहीं, धैर्य और संयम का भी प्रतीक है। साल में एक बार मिलने वाले इस दुर्लभ अवसर को आप न चूकें। अगर आप इस नागपंचमी पर किसी विशेष धार्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो उज्जैन का ये अद्भुत मंदिर आपका स्वागत करने को तैयार है।