हड्डी जैसे दिखने वाली सब्जी कर देगी त्वचा को जवां और तंदुरुस्त, एक बंडल की बिक्री पर होगी 40 हजार तक की कमाई, भारत में गेहूं, धान और दूसरी पारंपरिक फसलों की देश में कई तरह की खेती की जाती है और उसी में से एक कमल ककड़ी, जिसे ढेस भी कहा जाता है, एक अनोखी और लाभदायक सब्जी है। पर यह औषधीय फसलों में शामिल होती है।
इसकी खेती न केवल पारंपरिक रूप से की जाती है और इसकी खेती भी जमीन पर या मिट्टी में उगने वाली फसलों की खेती तो आसान होती है लेकिन पानी में उगने वाली औषधीय फसलों के सही जलवायु और देखभाल की जरूरत होती है आजकल इसकी मांग भी बढ़ रही है। आइए जानते हैं कमल ककड़ी की खेती के बारे में. .
कमल में मौजूद औषधीय गुण
कमल की जड़, कमल की बीज और कमल के फूल के कई औषधीय गुण हैं। कमल को पाचन शक्ति बढ़ाने और इन्सोम्निया यानी नींद समबन्धी रोग को दूर करने और साथ ही एंजायटी को दूर करने जैसी कई मामलों में कमल का एक विशेष महत्व है। कमल के पत्ते ,बीज और जड़ सभी का औषधीय रूप में विशेष महत्व है। जो किसान औषधीय खेती करते हैं उनके लिए कमल की खेती का एक विशेष महत्व है।
हड्डी जैसे दिखने वाली सब्जी कर देगी त्वचा को जवां और तंदुरुस्त, एक बंडल की बिक्री पर होगी 40 हजार तक की कमाई
कमल ककड़ी की खेती के लिए आवश्यक चीजें
- कमल ककड़ी की खेती के लिए तालाब या पोखर की आवश्यकता होती है।
- पानी में जड़ में काली मिट्टी बिछाने से बीजों के अंकुरण में आसानी होती है।
- अच्छी किस्म के कमल ककड़ी के बीज खरीदें।
- साफ और ताजा पानी होना जरूरी है।
कमल ककड़ी की खेती का तरीका
- तालाब को साफ करें और उसमें काली मिट्टी बिछाएं।
- बीजों को मिट्टी में दबाएं और पानी से ढक दें।
- नियमित रूप से पानी बदलते रहें और खरपतवारों को हटाते रहें।
- जब फल पक जाएं तो उन्हें तोड़ लें।
- बीज 20 डिग्री तापमान पर अच्छे से अंकुरित होते हैं और पौधे के विकास के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान सबसे अच्छा होता है।
कमल ककड़ी की खेती से कमाई
कमल ककड़ी की खेती से कमाई की बात करे तो बाजारों में कमल ककड़ी की कीमत 60 से 100 रुपये किलाे तक होती है. तो वहीं दक्षिण भारत में इसकी कीमत 200 से 300 रुपये किलो तक रहती है. और इसकी खेती से अच्छी कमाई की जा सकती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है.