Stop Revdi Culture In India: कैंसर की तरह देश को अंदर से खोखला कर रहा ‘फ्री रेवड़ी कल्चर’ जानिए क्यों देश और देशवासियों के लिए घातक है रेवड़ी कल्चर। देश में लोकसभा चुनाव के आसपास बहुत गति से हलचल हो रही है। चुनाव के समय, राजनीतिक दल तत्परता से वादों को उत्तेजने का कारण बन रहे हैं। वे वादे करते हैं जो वोटरों को आकर्षित करने के लिए बड़े-बड़े होते हैं, इसे सामान्यत: “रेवड़ी कल्चर” कहा जाता है। यह रेवड़ी कल्चर देश के लिए काफी प्रभावी हो सकता है और इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर हो सकता है।
इससे गरीबों को भी मिल सकती हैं सुविधाएं, और ऐसा महसूस होता है कि चुनाव नगर में हो रहे हैं…एक कवि की कुछ लाइनें इस चीज को सही ढंग से समझाती हैं, जो नेताओं के चुनावी वादों को सत्यापित करती हैं। देश में लोकसभा चुनाव की चर्चा के साथ ही नेताओं ने मुफ्त रेवड़ी कल्चर को शुरू कर दिया है। देश में एक बार फिर मुफ्त रेवड़ी कल्चर की बहस गर्म है। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने यह कहा है कि “मुफ्त बिजली जैसी सुविधाएं देना अर्थव्यवस्था में कैंसर के समान है, और इसे समाप्त किया जाना चाहिए।”
Stop Revdi Culture In India
मंच ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारें मुफ्त सुविधाएं प्रदान करके संसाधनों का दुरुपयोग करती हैं। मुफ्त चीजों को लेकर हाल ही में भारतीय चुनावी राजनीति में एक प्रमुख भूमिका है। यह तथ्य जानकर भी कि मुफ्त चीजें सरकारी खजाने को अधिशेष बोझ बना सकती हैं, राजनीतिक दल विशेषज्ञता से वादों में पहले वोटरों को प्रभावित करने के लिए मुफ्त चीजों की घोषणा कर रहे हैं। मुफ्त रेवड़ी सांस्कृतिक प्रथा किस समय आरंभ हुई थी? इसे तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मुफ्त साड़ी, प्रेशर कुकर, वॉशिंग मशीन, टेलीविजन सेट, इत्यादि का आश्वासन देकर आरंभ किया था।
भारत में कब से शुरू हुआ रेवड़ी कल्चर ?
इस मुफ्त रेवड़ी सांस्कृतिक को अन्य राजनीतिक दलों ने भी वोटरों को प्रभावित करने के लिए तेजी से अपनाया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करते हुए मुफ्त बिजली, पानी, बस यात्रा का वादा करके मतदाताओं को प्रभावित किया। 2021 में केरल विधानसभा चुनाव में भी मुफ्त रेवड़ी सांस्कृति का प्रभाव देखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनावों में हार के दो साल बाद, सत्ताधारी वामपंथी लोकतंत्रिक मोर्चा ने सब्सिडीयुक्त चावल और खाद्य किटों का आश्वासन देकर प्रचंड बहुमत से लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चयन किया गया है।
हाल का उदाहरण पंजाब विधानसभा चुनाव का है, जहां आम आदमी पार्टी ने शानदार बहुमत से जीत हासिल की है। इससे पहले, उन्होंने सत्ता में आने पर पंजाब के लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 18 वर्ष से अधिक आयु की हर महिला को 1,000 रुपये प्रति माह देने का आश्वासन दिया था।