social media fake video: बिना जांचे-परखे वीडियो या पोस्ट शेयर करने पर पुलिस कर सकती है सख्त कार्रवाई, IT एक्ट के तहत हो सकता है केस दर्ज। आजकल सोशल मीडिया का इस्तेमाल हर कोई कर रहा है, लेकिन इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कई बार बड़ी मुसीबत बन जाता है। हाल ही में सामने आए कई मामलों में यह देखा गया है कि कुछ लोग बिना पुष्टि किए झूठी या भ्रामक जानकारी वाला वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिससे समाज में भ्रम और तनाव फैल सकता है।
ऐसे मामलों में अब पुलिस ने कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। IT एक्सपर्ट्स का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में किसी भी फोटो या वीडियो को असली समझना खतरनाक हो सकता है। जरूरी है कि आप किसी भी कंटेंट को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करें।
पुलिस की सख्ती और आईटी एक्ट के प्रावधान
पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी या आपत्तिजनक वीडियो और पोस्ट शेयर करने वालों पर नजर रख रही है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 16& के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर सामाजिक, धार्मिक या जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले संदेश प्रसारित करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
यह कानून सिर्फ कंटेंट बनाने वालों पर ही नहीं, बल्कि फॉरवर्ड करने वालों पर भी लागू होता है। मतलब, यदि आपने किसी गलत वीडियो को सिर्फ आगे बढ़ाया है, तब भी आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

हाल के प्रमुख मामले
मामला 1:
मैहर मंदिर में धमाके का झूठा वीडियो वायरल हुआ था, जिसे देखकर कई लोगों में दहशत फैल गई। पुलिस ने इस वीडियो की जांच की और पता चला कि यह पूरी तरह से फेक था। जांच के बाद वीडियो शेयर करने वाले युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
मामला 2:
खमरिया क्षेत्र में रहने वाले युवक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला जिसमें बताया गया था कि एक ओवरब्रिज गिर गया है और दो लोगों की मौत हो गई है। यह वीडियो भी फर्जी निकला। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर उसके मोबाइल को जब्त कर लिया और वीडियो डिलीट करवाकर केस दर्ज कर जेल भेज दिया।
फेक कंटेंट से बचाव के उपाय
आईटी विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोशल मीडिया पर किसी भी कंटेंट को बिना जांचे शेयर न करें। आज के समय में कई AI टूल्स की मदद से नकली फोटो और वीडियो बहुत असली लगते हैं। इसलिए किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करें।
इस तरह की सावधानी न सिर्फ आपको कानूनी झंझट से बचाएगी, बल्कि समाज में गलत सूचना फैलने से भी रोकेगी।
विशेषज्ञ राय:
“सोशल मीडिया का प्रयोग सोच-समझकर करें। कोई भी वीडियो, फोटो या मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले अच्छे से जांच लें कि वह सही है या नहीं।”
– राम सनौधिया, IT एक्सपर्ट

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“फेक वीडियो या पोस्ट शेयर करने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है और आरोपी को जेल भेजा जाता है।”
– आनंद कलादगी, ASP सिटी
social media fake video
सोशल मीडिया का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करना जरूरी है। कोई भी फोटो, वीडियो या जानकारी शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच अवश्य करें। कानून अब इस पर सख्त है और छोटी सी गलती भी जेल तक पहुंचा सकती है।
इसलिए, डिजिटल दुनिया में सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।