Sawan Somwar and Nag Panchami 2023: सावन सोमवार और नागपंचमी एक ही दिन, 24 साल बाद बना है ऐसा शुभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, शुभ संयोग और पूजाविधि। सावन सोमवार और नागपंचमी एक ही दिन पड़ना एक खास और शुभ संयोग है। खासकर भारतीय हिन्दू परंपरा में। सावन मास यानि श्रावण मास हिन्दू पंचांग के आधार पर होता है, और इस मास में भगवान शिव की पूजा विशेष भक्ति और आराधना के साथ की जाती है, और सोमवार को उनका विशेष पूजन किया जाता है। नागपंचमी भी भगवान शिव और सर्पों की पूजा के रूप में मनाई जाती है, और इस दिन सर्पों के लिए विशेष प्रार्थनाएँ की जाती हैं।
सावन सोमवार और नागपंचमी का महत्व
सावन के महीने में हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से बहुत अधिक पुण्य मिलता है. सोमवार भगवान शिव का दिन होता है और सावन के महीने में उनकी पूजा का महत्व दोगुना होता है। नागपंचमी एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो नाग देवता की पूजा के लिए मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन लोग नाग देवता के मूर्तियों की पूजा करते हैं और नागों को दूध, दबू और बेलपत्रों से प्रसाद चढ़ाते हैं. यह त्योहार नाग देवता की कृपा पाने और सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए महत्वपूर्ण है। यदि Sawan Somwar and Nag Panchami एक ही दिन पड़ रहा है, तो यह भगवान शिव और सर्पों के प्रति भक्ति और पूजा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।
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Sawan Somwar and Nag Panchami
इस दिन पुरे विधि विधान से भगवन शिव और नागों की पूजा करने से आपकी सभी मनोकमनाएं पूरी होंगी। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और मंदिरों में भगवान शिव की मूर्तियों का दर्शन करते हैं, और सर्पों के साथ विशेष पूजा और अर्चना करते हैं। यह एक साथ होने वाले दो महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन होते हैं, और यह एक खुशी का संकेत और आशीर्वाद का मौका हो सकता है, जिसे भगवान शिव और सर्पों की कृपा के साथ मनाया जा सकता है। Sawan Somwar and Nag Panchami के दिन का सही मुहूर्त और पूजाविधि का पालन करके हम भगवान शिव और नाग देवता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय और समृद्धि से भर सकते हैं।
आज के दिन का शुभ मुहूर्त और पूजाविधि
इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें त्योहार की पूजा और व्रत करने के लिए सही समय की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा सुबह और सायंकाल की तरह की जाती है. नागपंचमी का व्रत भी सुबह से ही शुरू होता है, और इसके लिए भी शुभ मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 22 अगस्त की रात्रि 02 बजे समाप्त हो जाएगी। Sawan Somwar and Nag Panchami की पूजा का शुभ मुहूर्त कल सुबह 05:53 बजे से सुबह 08 :30 बजे तक रहेगा।
इस विधि से प्रसन्न होंगे भगवान भोलेनाथ
- इस वर्ष नाग पंचमी पर बहुत ही अच्छा और शुभ संयोग बन रहा है।
- सावन सोमवार के दिन, भगवान शिव की पूजा करते समय शिवलिंग को दूध, दबू, गंगाजल और बेलपत्रों से स्नान कराना चाहिए।
- इसके बाद, चंदन, कुमकुम, अक्षता, धूप, दीप, फूल, फल, और पूजा की अन्य सामग्री का उपयोग करके पूजा की जाती है।
- भक्त व्रत के दौरान एक ही आसन पर बैठकर मन्त्र जप करते हैं और भगवान शिव का ध्यान करते हैं।
- नागपंचमी के दिन, नाग देवता की पूजा करते हुए नाग मूर्ति को दूध, दबू, बेलपत्रों, और मिश्रित पूजा सामग्री से सिंचते हैं।
- इसके बाद, व्रती व्यक्ति अपनी प्रार्थनाएं करते हैं और नाग देवता की कृपा प्राप्त करने का आशीर्वाद मांगते हैं।
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