Sawan somwar: सावन का छठा सोमवार है बेहद खास ! इस मुहूर्त में पूजा करने से मिटेंगे सारे कष्ट

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सावन का छठा सोमवार है
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Sawan somwar, 6th Sawan somwar: सावन का छठा सोमवार है बेहद खास ! इस मुहूर्त में पूजा करने से मिटेंगे सारे कष्ट। हिन्दू धर्म और संस्कृति में सावन के महीने का विशेष महत्व है। बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यह सर्वोत्तम समय माना गया है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि सावन माह में सोमवार का व्रत रखने और पूरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

कब है सावन का छठा सोमवार ?

वैसे तो सावन का पूरा महीना विशेष फलदाई है, लेकिन इस माह में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अलग ही महत्व होता है। पूरे सावन में साधू संतों से लेकर आम लोगों तक सभी देवादिदेव महादेव की भक्ति में डूबे रहते है। आमतौर पर श्रावण मास में 4 सोमवार होते है, लेकिन इस साल यानि वर्ष 2023 में श्रावण मास में कुल 8 सोमवार पड़ रहे हैं, जिसमें से पांच सोमवार बीत चुके हैं। और हिंदू पंचांग के अनुसार, 14 अगस्त यानि कल सावन के अधिक मास का छठा सोमवार व्रत पूरे विधि विधान से रखा जाएगा।

सावन सोमवार का महत्व है

पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि जो भक्त सच्चे मन से सावन सोमवार व्रत करता है और विधि पूर्वक भगवान भोलेनाथ का अभिषेक व पूजा अर्चना करता है, उस पर बाबा महाकाल के साथ-साथ मां पार्वती भी प्रसन्न होती हैं और प्राणिमात्र के सभी दुःख-दर्द एवं कष्टों का निवारण करते है। सदियों से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से कुमारी कन्याओं को मन चाहा, यानि उनकी इच्छा के अनुरूप वर की प्राप्ति होती है।

Sawan somwar: सावन का छठा सोमवार है बेहद खास ! इस मुहूर्त में पूजा करने से मिटेंगे सारे कष्ट

छठे सोमवार को पूजा का शुभ मुहूर्त

Sawan somwar अब बात करते सावन के अधिक मास के छठे सोमवार व्रत और अर्चना के लिए का शुभ मुहूर्त और तिथि की। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन के अधिक मास के छठे सोमवार को चतुर्दशी तिथि यानि 14 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 15 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगी।

ब्रह्म मुहूर्त – बाबा महाकाल की पूजा अर्चना के लिए 14 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक चलेगा।

गोधूलि मुहूर्त – वहीं छठे सोमवार को गोधूलि मुहूर्त की बात करें तो यह शाम 07 बजकर 07 मिनट से शाम 19 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।

अमृत काल – आप अमृत काल यानि सुबह 08 बजकर 27 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक जलाभिशेक और पूजा करके भी भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते है। जिससे आपकी सभी मनोकामना पूरी होंगी।