सावन में महादेव के दरबार में मची अफरा-तफरी: बाराबंकी मंदिर हादसे में 2 की मौत, 29 घायल – जानिए पूरी घटना

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सावन में महादेव के दरबार में मची अफरा-तफरी: बाराबंकी मंदिर हादसे में 2 की मौत, 29 घायल – जानिए पूरी घटना
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सावन बाराबंकी, उत्तर प्रदेश – सावन के तीसरे सोमवार को जहां शिव भक्त पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे, वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में एक दर्दनाक हादसा हो गया। मंदिर परिसर में दर्शन के दौरान करंट फैलने से भगदड़ मच गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और करीब 29 लोग घायल हो गए। घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है।

सावन में महादेव के दरबार में मची अफरा-तफरी: बाराबंकी मंदिर हादसे में 2 की मौत, 29 घायल – जानिए पूरी घटना

क्या हुआ था हादसे के दिन?

यह दर्दनाक हादसा सावन के तीसरे सोमवार, यानी 22 जुलाई 2025 की सुबह घटित हुआ। बड़ी संख्या में शिव भक्त अवसानेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे थे। मंदिर में खास तैयारियां की गई थीं, लेकिन भीड़ की अधिकता और कुछ तकनीकी खामियों ने हादसे को जन्म दे दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही लोग दर्शन के लिए टीन शेड के नीचे से गुजर रहे थे, उसी दौरान ऊपर से बिजली का तार टूटकर नीचे गिर गया और टीन शेड में करंट उतर गया। बिजली के झटके लगते ही श्रद्धालु घबरा गए और वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।


हादसे की वजह क्या रही?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बिजली का तार बंदरों द्वारा खींचे जाने से टूटकर गिरा। यह तार मंदिर परिसर के टीन शेड पर गिरा और देखते ही देखते पूरे शेड में करंट फैल गया। उस समय सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे।

करंट के झटकों से कई लोग बेहोश हो गए और कुछ घायल होकर गिर पड़े। इस भगदड़ में दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 29 लोगों को चोटें आई हैं।


मृतकों और घायलों के नाम

सरकारी सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मृतकों में एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं। दोनों की पहचान हो गई है, लेकिन प्रशासन ने संवेदनशीलता के कारण उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।

घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें नजदीकी जिला अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। कुछ श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।


प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसडीएम, सीओ, जिला मजिस्ट्रेट और एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और राहत व बचाव कार्यों को गति दी।

  • घायलों को तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया
  • बिजली आपूर्ति को तुरंत बंद करवाया गया
  • मंदिर परिसर को खाली कराया गया ताकि कोई और हादसा न हो
  • जांच के आदेश दे दिए गए हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस दुखद घटना पर शोक जताया और मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।


मंदिर प्रशासन पर सवाल

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में गुस्सा है। सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में भीड़ आने के बावजूद बिजली की सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई?

  • टीन शेड के ऊपर बिजली के तार खुले क्यों थे?
  • प्रशासन या मंदिर ट्रस्ट ने इन तारों को सुरक्षित करने की कोई पहल क्यों नहीं की?

स्थानीय प्रशासन ने माना है कि सावधानी में चूक हुई है और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो, इसके लिए सभी धार्मिक स्थलों पर विशेष सुरक्षा योजना बनाई जाएगी।

सावन में महादेव के दरबार में मची अफरा-तफरी: बाराबंकी मंदिर हादसे में 2 की मौत, 29 घायल – जानिए पूरी घटना

सावन और शिव भक्तों की आस्था

सावन के सोमवार को भगवान शिव के मंदिरों में देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस माह में भोलेनाथ की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

बाराबंकी का अवसानेश्वर महादेव मंदिर एक प्राचीन और अत्यंत प्रसिद्ध स्थल है, जहां हर साल सावन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही शिव कृपा प्राप्त होती है।


सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं

घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने दुख जताया और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की। कई लोगों ने हादसे को मानव लापरवाही बताया और भविष्य में बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की मांग की।


महादेव के दरबार

बाराबंकी के अवसानेश्वर महादेव मंदिर में हुए इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। धार्मिक स्थलों पर भीड़ को नियंत्रित करने, तकनीकी व्यवस्थाओं की जांच करने और प्राथमिक सुरक्षा उपायों को लागू करने की जरूरत है।

आस्था के इस पावन माह सावन में जब भक्त भगवान शिव के चरणों में पहुंचते हैं, तो यह प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट की जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें सुरक्षित वातावरण मिले।

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