Sansad Monsoon Satr, नई दिल्ली, 23 जुलाई: संसद का मॉनसून सत्र अपने तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहले दो दिनों की तरह, बुधवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इस बार विपक्ष ने SIR (स्पेशल इंटेलिजेंस रिपोर्ट), ऑपरेशन सिंदूर, और बिहार में वोटर लिस्ट की पुनरीक्षा जैसे अहम मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा।
लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार फिर जोरदार हंगामे के कारण दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह से ही विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए और सदन में नारेबाजी करते नजर आए।
क्या है विवाद की जड़?
तीसरे दिन का सत्र शुरू होते ही विपक्षी नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर आपत्ति जताई। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इससे लोकतंत्र को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में हेरफेर कर चुनाव प्रभावित किए गए थे, अब वही कोशिश बिहार में की जा रही है।
डिंपल यादव का बयान
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने संसद में तीखा बयान देते हुए कहा,
“सरकार न तो SIR पर बात करना चाहती है, न पहलगाम की घटना पर और न ही ऑपरेशन सिंदूर पर। इन सब मामलों में चुप्पी साध ली गई है, जबकि ये विषय राष्ट्रीय सुरक्षा और जनता के हित से जुड़े हुए हैं।”
उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने जोरदार समर्थन जताया और सत्ता पक्ष से जवाब की मांग की।

संसद में स्पीकर ओम बिरला की अपील
जैसे ही सदन में नारेबाजी और हंगामा बढ़ा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा,
“यह सदन बहस और संवाद के लिए है, शोरगुल और नारेबाजी के लिए नहीं। कृपया सदन की गरिमा बनाए रखें।”
विपक्ष के एजेंडे में कौन-कौन से मुद्दे?
तीसरे दिन विपक्ष जिन अहम मुद्दों पर चर्चा चाहता है, उनमें शामिल हैं:
- SIR रिपोर्ट का सार्वजनिक न होना
- ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार की चुप्पी
- बिहार में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप
- पहलगाम की हालिया घटनाओं पर जवाबदारी
इन सभी विषयों को विपक्ष ने अपनी प्राथमिकता में रखा है और कहा है कि जब तक सरकार स्पष्ट जवाब नहीं देती, तब तक विरोध जारी रहेगा।

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अब आगे क्या?
अगर संसद में इसी तरह गतिरोध बना रहा तो मॉनसून सत्र की कार्यवाही एक बार फिर ठप हो सकती है। हालांकि सरकार का प्रयास रहेगा कि किसी न किसी तरह से संवाद स्थापित किया जाए और जरूरी विधायी कामकाज आगे बढ़े।
Sansad Monsoon Satr
मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी टकराव और तीखे तेवरों से भरा रहा। संसद में चल रही इस रस्साकशी से यह साफ है कि आने वाले दिन और भी गरमाने वाले हैं। देखना होगा कि क्या सरकार विपक्ष की मांगों पर ध्यान देती है या राजनीतिक जंग और तेज होती है।