Rise in share price of Tata Motors: टॉप पर पहुंचा टाटा का शेयर! निवेशकों में मची शेयर खरीदने की होड़। आज टाटा मोटर्स के शेयर ने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच कर लगभग आठ फीसदी की तेजी दर्ज की। मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी अपने पैसेंजर वाहन और वाणिज्यिक वाहन व्यापार को अलग करने की योजना बना रही है। इसके परिणामस्वरूप, आज कंपनी के शेयरों में काफी तेजी देखी गई, और यह 7.9% की तेजी के साथ 1065.60 रुपये पर पहुंच गया, जो कि इसके 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर को दर्शाता है।
मालामाल हुए Tata Motors के निवेशक
दोपहर के 1.45 बजे यह शेयर 3.17% की तेजी के साथ 1018.50 रुपये पर ट्रेड किया जा रहा था। निवेशक अब एक अच्छे मूल्य के साथ डिमर्जर से अधिक वैल्यू डिस्कवरी की उम्मीद कर रहे हैं, और इसी वजह से कंपनी के शेयरों में तेजी देखी जा रही है। इस साल, इसमें 30 फीसदी से अधिक की तेजी दर्ज की गई है। डिमर्जर की प्रक्रिया में लगभग 12 से 15 महीने का समय लग सकता है। इसके पश्चात, टाटा मोटर्स का पीवी सेगमेंट, जिसमें पैसेंजर वाहन शामिल हैं, मारुति, हुंडई और महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ सीधे मुकाबले में आएगा।
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Rise in share price of Tata Motors
यहां मारुति प्रमुख है। साथ ही, सीवी या कमर्शियल सेगमेंट में टाटा मोटर्स की उपस्थिति अशोक लेलैंड की चुनौती के समान होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि डिमर्जर के बाद Tata Motors के शेयरों में बेहतर वैल्यू डिस्कवरी की उम्मीद है। इसके बाद, कंपनी के शेयरहोल्डर्स को दोनों लिस्टेड कंपनियों में समान शेयरहोल्डिंग की अनुमति होगी। सबसे अधिक रेवेन्यू कौनसे सेगमेंट से आता है, इस पर Emkay Global के चिराग ग्लोबल ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने टाटा मोटर्स की डिमर्जर की योजना की बात करते हुए कहा कि इससे प्रबंधन का आत्मविश्वास प्रकट होता है और दोनों कंपनियाँ अलग-अलग काम कर सकती हैं।
Rise in share price of Tata Motors
ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो, कमर्शियल वाहन व्यवसाय में नकद निकासी बेहतर है जबकि पैसेंजर वाहन सेगमेंट को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। दिसंबर तिमाही में, Tata Motors का रेवेन्यू 1.1 लाख करोड़ रुपये था। कंपनी का बाजार कैप 3,39,237 करोड़ रुपये के करीब है, और इसका घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 13.8 फीसदी है। इसके रेवेन्यू का 70 फीसदी हिस्सा जगुआर लैंड रोवर का है, साथ ही कमर्शियल वाहनों की हिस्सेदारी 18 फीसदी और पैसेंजर वाहनों की 12 फीसदी है।