Ratha Saptami Ke UPAY: रथ सप्तमी दे दिन भगवान सूर्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए करें ये 7 उपाय! सूर्य की तरह चमकेगा आपका भाग्य

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Ratha Saptami Ke UPAY: रथ सप्तमी दे दिन भगवान सूर्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए करें ये 7 उपाय! सूर्य की तरह चमकेगा आपका भाग्य
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Ratha Saptami Ke UPAY: रथ सप्तमी दे दिन भगवान सूर्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए करें ये 7 उपाय! सूर्य की तरह चमकेगा आपका भाग्य। हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर आरंभ होगी। यह तिथि अगले दिन, 16 फरवरी को शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, रथ सप्तमी का आयोजन शुक्रवार को किया जाएगा।

रथ सप्तमी का उत्सव शुक्रवार को मनाया जाएगा, जो उदयातिथि के रूप में मान्य है। सूर्य नारायण को अर्घ्य सप्तमी तिथि पर सूर्यदेव को अत्यंत प्रिय है। इस दिन, प्रातःकाल में नहाने के बाद, उगते सूर्य को जल देने के लिए एक तांबे के कलश में जल, लाल चंदन, चावल, लाल फूल और कुश डालकर, प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके मन्त्र का जप करते हुए जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर, भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद, लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए। वाल्मीकि रामायण के अनुसार अगस्त्य ऋषि द्वारा भगवान् श्री राम को रावण पर विजय प्राप्ति के लिए प्रदान किया गया था।

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Ratha Saptami के दिन “आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करें

विशेषतः इस दिन का पाठ जीवन के अनेक कष्टों का एकमात्र समाधान है। यह स्तोत्र मानसिक कष्ट, हृदय रोग, तनाव, शत्रु कष्ट, और असफलताओं पर विजय प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। इसमें सूर्य देव की उपासना करते हुए विजयी मार्ग पर ले जाने की प्रार्थना है। आदित्य हृदय स्तोत्र पापों, कष्टों, और शत्रुओं से मुक्ति दिलाने वाला, सर्व कल्याणकारी, आयु, उर्जा, और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला अत्यंत मंगलकारी विजय स्तोत्र है। सूर्यदेव के निमित्त व्रत, जिसमें शास्त्रों के अनुसार सूर्य भगवान के लिए व्रत रखने से हर प्रकार की शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

Ratha Saptami पर दान पुण्य करें

व्रत करने से काया निरोगी होती है और अशुभ फल शुभ फल में बदल जाते हैं। Ratha Saptami के दिन व्रत कथा का सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं और मान-सम्मान, धन-यश, और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। व्रत में नमक का उपयोग न करें। इस दिन सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है, जैसे तांबे के बर्तन, पीले या लाल रंग के वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि। व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार इनमें से किसी भी वस्तु का दान कर सकता है। इससे कुंडली में सूर्य के दोष का निवारण होता है और धन, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

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Ratha Saptami Ke UPAY

सूर्य गायत्री मंत्र का जप करें

  1. ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।
  2. ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।

सूर्य गायत्री मंत्र के जाप से आत्मशुद्धि, आत्म-सम्मान, और मन की शांति प्राप्त होती है। व्यक्ति के सामने आने वाले संकट भी दूर हो जाते हैं।

रथ सप्तमी (Ratha Saptami) का समय क्या है?

सनातन धर्म में, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि (Ratha Saptami ) को रथ सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को खासतौर पर भगवान सूर्य की पूजा के लिए अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की पूजा से धन, धान्य, और परिवार में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपायों का उल्लेख है, जिन्हें इस दिन करने से व्यक्ति का भाग्य सूर्य के समान चमकता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट से आरंभ होगी। इस तिथि का अंत 16 फरवरी को शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा।

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