Ram Mandir Pran Pratishtha time: 500 वर्षों का वनवास काटने के बाद आज इस शुभ मुहूर्त और नक्षत्र में अयोध्या के भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे ‘रामलला’ ये है प्राण प्रतिष्ठा का समय। देश के ज्ञानी पंडितों और ज्योतिषाचार्यों ने 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक विशेष मुहूर्त की सिफारिश की है। इस मुहूर्त में पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मृगशिरा नक्षत्र, सोमवार, अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और इंद्र योग का संयोग होगा। आज, यानी 22 जनवरी 2024 को, अयोध्या में स्थित भव्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा।
राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का बेसब्री से इंतजार है। सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं और 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम विराजित होंगे। इसके बाद, सभी भक्तों को अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के दर्शन आसानी से होंगे। अयोध्या राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो गया था, और यह अभी भी जारी है। 22 जनवरी का चयन इस महत्वपूर्ण क्रिया के लिए किया गया है, जिससे भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो सके।
क्या है Ram Mandir Pran Pratishtha time
अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है। इस श्रेणीभूत घटना के लिए 22 जनवरी को चुना गया है। मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष मुहूर्त 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड का शुभ मुहूर्त निर्धारित है। इस समय के दौरान 84 सेकंड की अद्वितीय रीति में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
ये है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को विशेष बनाने का मुख्य कारण है हिंदू धर्म में मंदिरों में देवी-देवता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा को महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के माध्यम से विशेष मुहूर्त का चयन करने की परंपरा के अनुसार, विद्वान ज्योतिषाचार्यों ने इस विशेष घटना के लिए 22 जनवरी की तारीख को चुना है। इस दिन को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि, अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न, और वृश्चिक नवांश के अत्यंत शुभ संयोग के रूप में स्वीकृत किया गया है। दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड के बीच ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
ज्योतिष में 22 जनवरी को बने शुभ मुहूर्त का महत्व
देश के ज्ञानी पंडितों और ज्योतिषाचार्यों ने बताया है कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक विशेष शुभ मुहूर्त है। इस दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मृगशिरा नक्षत्र और सोमवार का संयोग है, जिससे पूरे दिन अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और इंद्र योग का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, अभिजीत मुहूर्त में नवांश लग्न पर उच्च के गुरु और 6 ग्रहों का संयोग होने से यह मुहूर्त अत्यंत शुभ है जो मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आदर्श माना जाता है।
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों जरूरी है?
हिन्दू धर्म के अनुसार, किसी भी मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने से पहले, उस मूर्ति को विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जानी चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा का मतलब है मूर्ति में जीवन शक्ति को स्थापित करना, इसे देवता के रूप में परिणामित करना है। इस क्रिया के लिए वेदिक मंत्रों और विभिन्न पूजा विधियों का पालन किया जाता है जिससे मूर्ति में प्राण की स्थापना होती है। इसे वैदिक परंपरा में प्राण प्रतिष्ठा कहा जाता है।
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, मूर्ति में भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करने और उन्हें वरदान देने की शक्ति बढ़ती है। इस क्रिया के विभिन्न चरणों को ‘अधिवास’ कहा जाता है, जिसमें जलाधिवास, अन्नाधिवास, फलाधिवास, धृताधिवास आदि शामिल हैं। पुराणों और धर्म ग्रंथों में इस प्रक्रिया का विवरण व्यक्त किया गया है।