Railway Act 141: मज़ाक में खींची ट्रेन की चेन, तो खानी होगी जेल की हवा! जानें रेलवे का सख्त कानून

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Railway Act 141: मज़ाक में खींची ट्रेन की चेन, तो खानी होगी जेल की हवा! जानें रेलवे का सख्त कानून
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Railway Act 141: अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं और चेन खींचने को हल्के में लेते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। जानिए ऐसा करने पर कितनी सजा और जुर्माना तय है भारतीय रेलवे द्वारा।


🚨 ट्रेन की चेन खींचना क्यों होता है?

भारतीय रेलवे की हर ट्रेन में एक इमरजेंसी चेन लगी होती है। इस चेन को खींचने का मकसद आपातकालीन स्थिति में ट्रेन को रोकना होता है, जैसे:

  • किसी यात्री की तबीयत बिगड़ना
  • किसी यात्री का ट्रेन से गिर जाना
  • आग लग जाना या किसी तरह की दुर्घटना
  • कोई महिला या बच्चा फंस जाए

लेकिन बहुत से लोग बिना वजह या मजाक में भी इस चेन को खींच देते हैं, जो कि न केवल गलत है बल्कि कानूनी अपराध भी है।

Railway Act 141: मज़ाक में खींची ट्रेन की चेन, तो खानी होगी जेल की हवा! जानें रेलवे का सख्त कानून

🧾 भारतीय रेलवे एक्ट में क्या लिखा है?

भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 141 (Section 141) के तहत ट्रेन की चेन को बिना उचित कारण के खींचना दंडनीय अपराध है।

धारा 141 के अनुसार:
बिना वैध कारण ट्रेन को रोकने के इरादे से चेन खींचने वाले व्यक्ति को:

  • एक साल तक की जेल
  • या 1,000 रुपये तक का जुर्माना
  • या दोनों सजा हो सकती है।

⚖️ किसे मिल सकती है छूट?

अगर किसी यात्री के पास वैध कारण है जैसे किसी की जान खतरे में है, तो उसे दंड नहीं दिया जाता। लेकिन अधिकारियों को सबूत या बयान देना जरूरी होता है, जिससे साबित हो सके कि आपातकालीन स्थिति थी।

उदाहरण:

  • कोई यात्री ट्रेन से गिर जाए और आपने चेन खींची, तो आपको नहीं पकड़ा जाएगा।
  • लेकिन अगर ट्रेन में बैठे-बैठे आपको स्टेशन छूटने का डर हो और आप चेन खींच दें, तो ये अपराध है।

📊 हर साल दर्ज होते हैं हजारों मामले

रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक हर साल हजारों लोग ट्रेन की चेन बिना कारण खींचते हैं। इससे रेलवे को न केवल समय का नुकसान होता है, बल्कि:

  • दूसरी ट्रेनों की टाइमिंग प्रभावित होती है
  • यात्रियों को परेशानी होती है
  • फालतू इमरजेंसी ब्रेक लगने से ट्रेन के उपकरण भी खराब हो सकते हैं
Railway Act 141: मज़ाक में खींची ट्रेन की चेन, तो खानी होगी जेल की हवा! जानें रेलवे का सख्त कानून

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🔍 कैसे होती है जांच?

जब ट्रेन की चेन खींची जाती है, तो लोको पायलट और गार्ड तुरंत स्थिति का जायजा लेते हैं। अगर उन्हें कोई वैध कारण नहीं मिलता तो:

  1. आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) मौके पर आती है
  2. सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाती है (अगर उपलब्ध हो)
  3. यात्रियों से पूछताछ की जाती है
  4. फिर दोषी को गिरफ्तार किया जाता है या चालान काटा जाता है

📜 क्या होता है अगर आप पकड़े जाते हैं?

अगर आप बिना वजह चेन खींचते हुए पकड़े जाते हैं, तो:

  • मौके पर ही आरपीएफ चालान काट सकती है
  • या आपको रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा सकता है
  • इसके बाद आप पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है

🧠 आम गलतफहमियां

❌ “एक बार खींचने से क्या होगा?”

➡️ एक बार की लापरवाही पूरी ट्रेन की लेट-लतीफी की वजह बन सकती है। यही नहीं, आपको कानूनन सजा भी मिल सकती है।

❌ “मजाक में किया था”

➡️ भारतीय कानून में “मजाक” को अपराध से बचने का बहाना नहीं माना जाता।

Railway Act 141: मज़ाक में खींची ट्रेन की चेन, तो खानी होगी जेल की हवा! जानें रेलवे का सख्त कानून

✅ क्या करें और क्या न करें

क्या करें (Dos)क्या न करें (Don’ts)
केवल आपात स्थिति में चेन खींचेंमजाक में या स्टेशन छूटने पर चेन न खींचें
रेलवे गार्ड या टीटी को तुरंत सूचित करेंबिना वजह समय बर्बाद न करें
किसी यात्री की तबीयत खराब हो तो मदद करेंझूठी बातों से गार्ड को गुमराह न करें
बच्चों को चेन के पास खेलने से रोकेंखुद भी चेन से न खेलें और दूसरों को भी न करने दें

📢 रेलवे की चेतावनी

भारतीय रेलवे समय-समय पर पब्लिक अनाउंसमेंट और पोस्टर के जरिए यह बताता है कि चेन खींचना बिना कारण दंडनीय अपराध है। कई स्टेशनों पर CCTV कैमरों से भी नजर रखी जाती है।


✍️ Railway Act 141

भारतीय रेलवे में यात्रा करते समय हमें कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। ट्रेन की चेन सिर्फ और सिर्फ आपात स्थिति में खींची जानी चाहिए। बिना वजह ऐसा करना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि दूसरों की परेशानी और जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है।

👉 अगली बार जब आप ट्रेन में सफर करें, तो इस नियम को याद रखें और जिम्मेदार यात्री बनें।

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