नकली मार्कशीट, Fake Degree Scam India: उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। यहाँ एक ऐसा गिरोह पकड़ा गया है जो नकली डिग्रियां और मार्कशीट बनाकर बेरोजगार युवाओं को बेचता था। इस रैकेट में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है – अभिमन्यु गुप्ता और धर्मेंद्र गुप्ता।
किराए के मकान से चल रहा था फर्जीवाड़े का धंधा
नोएडा पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी सेक्टर-15 के एक किराए के मकान में बैठकर इस पूरे नेटवर्क को चला रहे थे। पुलिस ने उनके ठिकाने पर छापा मारकर बड़ी संख्या में जाली दस्तावेज बरामद किए हैं। इनमें शामिल हैं:
- 68 नकली मार्कशीट
- 7 फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट
- 22 रिज्यूमे
- 14 खाली परीक्षा कॉपियां
- 9 डेटा शीट
- 4 नकली मोहरें
- दो लग्जरी कारें, एक स्कूटी
- लैपटॉप, मोबाइल, प्रिंटर और अन्य दस्तावेज

हाईटेक तरीके से तैयार होती थीं नकली मार्कशीट
डीसीपी यमुना प्रसाद ने जानकारी दी कि आरोपियों का नेटवर्क तकनीकी रूप से बेहद मजबूत था। ये लोग अलग-अलग राज्यों के एजुकेशन बोर्ड और यूनिवर्सिटी की हूबहू नकली डिग्रियां और मार्कशीट बनाते थे। इन फर्जी दस्तावेजों में ग्राहक की मांग के अनुसार नाम, जन्मतिथि, अंक और प्रतिशत तक बदल दिए जाते थे।
बेरोजगार और उम्र पार कर चुके लोग थे मुख्य ग्राहक
इस गिरोह का मुख्य निशाना वे लोग होते थे जो या तो पढ़ाई में फेल हो चुके थे, या जिनकी नौकरी के लिए तय उम्र पार हो चुकी थी। ऐसे लोगों को यह गिरोह झूठी डिग्रियों का लालच देकर ठगता था।

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80 हजार से 2 लाख तक में बिकती थी फर्जी डिग्री
पुलिस के अनुसार, एक नकली डिग्री की कीमत 80,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक रखी जाती थी। यह रकम ग्राहक की जरूरत और उसके हालात के हिसाब से तय होती थी।
अन्य शहरों से भी जुड़े हो सकते हैं तार
पुलिस को शक है कि इस फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह के तार देश के अन्य शहरों से भी जुड़े हो सकते हैं। अभी गिरोह के और सदस्यों की तलाश की जा रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।