NCERT: ऐतिहासिक बदलाव! NCERT की क‍िताबों में अब इंडिया नहीं ‘भारत’ पढ़ेंगे बच्चे

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NCERT: ऐतिहासिक बदलाव! NCERT की क‍िताबों में अब इंडिया नहीं 'भारत' पढ़ेंगे बच्चे
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NCERT: ऐतिहासिक बदलाव! NCERT की क‍िताबों में अब इंडिया नहीं ‘भारत’ पढ़ेंगे बच्चे। इस वक्त की बड़ी खबर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आ रही है, जहा एनसीईआरटी के द्वारा गठित एक समिति ने सुझाव दिया कि पुस्तकों को फिर से छापा जाए, जिनमें ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया जाए। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, यानी एनसीईआरटी की पुस्तकों में आने वाले संशोधन का आलोचना योग्य मामूला हो सकता है। इस समय, एनसीईआरटी द्वारा गठित समिति ने ‘इंडिया’ को ‘भारत’ में बदलने की सिफारिश की थी।

इंडिया का नाम बदलकर होगा भारत

पैनल द्वारा पुस्तकों के अगले सेट में, ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ प्रिंट करने का प्रस्ताव सदस्यों द्वारा आपूर्ति से स्वीकार किया गया है। इसके सथ में, एक सदस्य ने इस प्रस्ताव की पुष्टि की है। पैनल के सदस्यों में से एक सीआई इस्साक (CI Issac) द्वारा इसे कुछ महीने पहले प्रस्तुत किया गया था। प्रस्ताव के अनुसार पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ नाम का उपयोग किया जाएगा, पाठ्यक्रम में ‘प्राचीन इतिहास’ की बजाय ‘शास्त्रीय इतिहास’ को शामिल किया जाएगा और भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को शामिल किया जाएगा।

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NCERT पैनल ने दी मंजूरी

अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो एनसीईआरटी NCERT की नई किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ का प्रिंट किया जाएगा। हालांकि, एनसीईआरटी के अधिकारियों ने बताया है कि पैनल की सिफारिशों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। NCERT समिति के अन्य सदस्यों में आईसीएचआर के अध्यक्ष रघुवेंद्र तंवर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर वंदना मिश्रा, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वसंत शिंदे और हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में समाजशास्त्र पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं।

अगले सत्र की पुस्तकों में होगा बदला NCERT

समिति के अध्यक्ष सी आई इस्साक ने इसके साथ ही बताया कि एनसीईआरटी पैनल ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) को शामिल करने की सिफारिश की है। एनसीईआरटी की किताबों में एक नई प्रकार की परिवर्तन की घोषणा की गई है। इस परिवर्तन के अनुसार, अब बच्चे ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ को पढ़ेंगे। यह सुचना देने वाला है कि ‘भारत’ और ‘इंडिया’ के बीच चर्चा की शुरुआत एक घटना से हुई थी, जब केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण को “President of India” के बजाय “President of Bharat” के नाम से भेज दिया, जिससे राजनीतिक विवाद शुरू हुआ।

India बनाम भारत क्या है मसला

सितंबर में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित जी20 लीडर्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, तब उनकी नेमप्लेट पर भी ‘भारत’ का उल्लेख था। यह आपको बताएगा कि यह चर्चा सिर्फ एक प्राधिकृत शब्द के परिवर्तन से ज्यादा है, यह एक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा भी है।यह अहम भी है कि संविधान के अनुच्छेद 1 (1) में हमारे देश का नाम “इंडिया, अर्थात भारत राज्यों का संघ होगा” परिभाषित किया गया है। इस परिवर्तन का आगाज बच्चों के पाठ्यक्रमों में होने वाले हैं, और यह एक व्यापक बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा सकता है

NCERT के इस परिवर्तन के बारे में विचार करते समय, कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति और भाषा के साथ जुड़ने का एक कदम मानते हैं। उनका मानना है कि ‘भारत’ शब्द भाषा, संस्कृति, और इतिहास के साथ गहरा जुड़ा हुआ है और यह देश की आत्म-पहचान को मजबूत करेगा। विपक्ष में, कुछ लोग इसे एक राजनीतिक प्रवृत्ति के तहत देखते हैं और इसे एक सामाजिक विवाद का हिस्सा मानते हैं। उनका कहना है कि इस परिवर्तन का कोई असर नहीं होगा और यह सिर्फ शब्दों के बदलने के साथ ही बदलाव का अहसास नहीं कराएगा।

NCERT की किताबों में बड़ा बदलाव

इस परिवर्तन का महत्व और प्रभाव विभिन्न दृष्टिकोणों से विचार किया जा सकता है, और यह दिखाता है कि भारतीय समाज में भाषा और भारतीय भूमिका के परिपर्णता पर चर्चा होनी चाहिए।

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