Navratri Day 3: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना का क्यों है विशेष महत्व नवरात्रि, भारतीय हिन्दू संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो नौ दिनों तक मनाया जाता है और इस त्योहार का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन(Navratri Day 3) को आधिकरी दिन के रूप में मनाया जाता है, और यह दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के रूप में विशेष महत्व रखता है।
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हिन्दू धर्म महत्वपूर्ण पहलुओं का मिश्रण है
नवरात्रि, आध्यात्मिकता, संस्कृति, और परंपरा के महत्वपूर्ण पहलुओं का मिश्रण है जो हिन्दू धर्म के अनुष्ठानों के साथ आता है। यह त्योहार भगवान दुर्गा की आराधना के रूप में मनाया जाता है, जो शक्ति का प्रतीक है और आपकी दुर्भाग्य को बदलने की शक्ति को प्रतिष्ठित करती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में, हिन्दू समुदाय व्रत, पूजा, और भजन के माध्यम से मां दुर्गा का आदर करता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करने का प्रयास करता है।
नवरात्रि के तीसरे दिन(Navratri Day 3), मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप, जिन्हें ‘चंद्रघंटा’ के रूप में जाना जाता है, की पूजा की जाती है। ‘चंद्रघंटा’ का नाम उनके चांद से चमकते हुए मुख के आधार पर पड़ा है, जो इस स्वरूप के मुख पर मौजूद है। वह तीनों आँखों से देखती हैं और उनके मुख पर त्रिशूल का चिन्ह होता है, जो उनकी शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक होता है।
Navratri Day 3 की विशेषत
चंद्रघंटा माता की पूजा नवरात्रि के इस दिन को विशेषत: रूप से मनाई जाती है। लोग इस दिन(Navratri Day 3) मां चंद्रघंटा की मूर्ति या पित्तल के कवच में पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत और आराधना करते हैं।
नवरात्रि के इस दिन(Navratri Day 3) की पूजा में चंद्रघंटा माता को सिर पर पट्टी बांध कर पूजते हैं, और उनके चरणों को फूलों, धूप, और दीपों से सजाते हैं। पूजा के दौरान मन्त्रों का पाठ किया जाता है और भक्त भगवान की कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
नवरात्रि के इस दिन (Navratri Day 3) को विशेष रूप से सुखद और धन्य माना जाता है, और इस दिन की पूजा के बाद भक्त खुद को पवित्र मानते हैं। यह एक साथ आने वाले आध्यात्मिक और सामाजिक आयोजनों का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो लोगों को एक साथ लाकर एक साजना का मौका प्रदान करता है।
चंद्रघंटा माता के इस स्वरूप से क्या सिख मिलती है
चंद्रघंटा माता का स्वरूप हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपने दुश्मनों को भी दया और करुणा से प्रतिष्ठित करना चाहिए। चंद्रघंटा माता का तीनों आँखों से देखना हमें यह याद दिलाता है कि हमें ज्ञान, शक्ति, और भगवान के प्रति अपनी सामर्थ्य को तीन दिशाओं में फैलाना चाहिए। नवरात्रि के तीसरे दिन(Navratri Day 3) के अलावा, इस त्योहार के दौरान और भी कई महत्वपूर्ण आयोजन होते हैं। लोग अपने घरों को सजाने और धन्य करने के लिए प्रेरित होते हैं, और विभिन्न गीत, भजन, और कथाएँ सुनकर मां दुर्गा की महिमा की याद करते हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन(Navratri Day 3) के बाद, यह त्योहार अपने अंतिम चरण में पहुँचता है, जिसे ‘नवमी’ के नाम से जाना जाता है। नवमी के दिन, लोग अपने घरों में कन्या पूजा करते हैं, जिसमें युवा कन्याएँ जो नौ दिन के लिए आयी होती हैं, को आदर के साथ स्वागत किया जाता है। इस दिन(Navratri Day 3) युवा कन्याएँ विशेष रूप से पुष्प, चूना, सिंदूर, और आभूषण पहनती हैं, और उन्हें भगवान की पूजा के लिए बुलाया जाता है। यह पूजा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भगवान की विद्या, शक्ति, और भग्य की प्रतीक्षा की जाती है, और यह बताता है कि सबकुछ मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद के बिना अधूरा है।
नवरात्रि में बढ़ाते कदम आध्यात्मिक उन्नति की ओर
नवरात्रि के इन नौ दिनों के दौरान, लोग व्रत, पूजा, और दान करके आध्यात्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाते हैं और सामाजिक तानाशाही, अन्याय, और दुख के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित होते हैं। नवरात्रि एक त्योहार है जो हमें उत्तराधिकारी बनने की दिशा में मार्गदर्शन करता है और हमें शुभ और सकारात्मक शक्तियों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। नवरात्रि के इस त्योहार के माध्यम से, हम अपने आप को प्राकृतिक शक्तियों के साथ जोड़ने का मौका प्राप्त करते हैं और हमारे आसपास के लोगों के साथ एक समरस और समाजवादी समाज की दिशा में कदम बढ़ते हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन(Navratri Day 3) के माध्यम से, हम विश्वास करते हैं कि मां चंद्रघंटा की कृपा हम पर बरसाई रहेगी, और हमें शांति, सुख, और सफलता की प्राप्ति होगी। यह त्योहार हमें उम्मीद और साहस देता है कि हम सभी मुश्किलात को पार कर सकते हैं और एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन(Navratri Day 3) का महत्व और इस त्योहार के महत्वपूर्ण पहलुओं को याद करते हुए, हम सभी को धर्म, संस्कृति, और एक समरस समाज की दिशा में अग्रसर होने का प्रतिज्ञा करनी चाहिए। यह त्योहार हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की ओर एक कदम बढ़ाता है, और हमें सभी मांगों की प्राप्ति के लिए उत्सुक होने का मौका प्रदान करता है।
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