Navratri 2023: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त में करें इस विधि से पूजन। नवरात्रि[Navratri 2023] का पर्व भारतीय संस्कृति में मां दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पर्व के दौरान, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा किन्हीं नौ दिनों में की जाती है, जिनमें से पहला स्वरूप है मां शैलपुत्री का। मां शैलपुत्री को पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूजा नवरात्रि[Navratri 2023] के पहले दिन की शुरुआत का हिस्सा होती है और इसे एक विशेष तरीके से किया जाता है।
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मां शैलपुत्री का स्वरूप:
इस ब्लॉग में, हम आपको मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी देंगे। मां शैलपुत्री का नाम उनके पिता राजा हिमवत के पुत्र “शैल” पर आधारित है। वे पर्वती और उनके पति भगवान शिव की पुत्री हैं, और इनके वाहन वृषभ (बैल) होता है। मां शैलपुत्री का स्वरूप एक पर्वत पर बैठी हुई होती हैं, और उनके हाथ में ट्रिशूल होता है। वे सोंदर्य और शक्ति की प्रतीक होती हैं।
मां शैलपुत्री[Navratri 2023] के पूजा के लिए शुभ मुहूर्त:
Navratri 2023 मै मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इस दिन व्रत रखने वाले भक्त शुभ मुहूर्त में पूजा करने का प्रयास करते हैं। नीचे कुछ शुभ मुहूर्त दिए जा रहे हैं, जिनमें से आप किसी एक का चयन कर सकते हैं: आपके निवास स्थान के अनुसार शुभ मुहूर्त का चयन करें और पूजा का आयोजन करें।
- प्रातःकाल 06:22 से 08:16 बजे तक
- पूना: प्रातःकाल 06:03 से 07:59 बजे तक
- कोलकाता: प्रातःकाल 05:29 से 07:24 बजे तक
मां शैलपुत्री की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री:
मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- मां शैलपुत्री की मूर्ति या तस्वीर
- अर्चना के लिए फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती
- चांदन और कुंकुम
- फल, नैवेद्य के रूप में
- पूजा के लिए एक क्षणिका
- पानी कलश
- बेल पत्तियाँ
- पुष्पमाला (फूलों का माला)
- गीता या दुर्गा सप्तशती का पाठ
मां शैलपुत्री की पूजा की विधि:
मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- Navratri 2023 मै पूजन के लिए सबसे पहले, शुभ मुहूर्त में अपने पूजा स्थल पर जाएं और पवित्रता के साथ बैठें।
- पूजा स्थल पर मां शैलपुत्री की मूर्ति या तस्वीर रखें और उन्हें जल चढ़ाएं।
- मूर्ति के सामने फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, चांदन, और कुंकुम का आराधन करें।
- फल और नैवेद्य को मां के पास रखें और मन से उन्हें समर्पित करें।
- गीता या दुर्गा सप्तशती के पाठ करें और मां का ध्यान करें।
- मां शैलपुत्री के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति दिखाएं और उनसे आशीर्वाद मांगें।
- पूजा के बाद, पुष्पमाला का प्रदर्शन करें और उसे अपने गले में डालें।
- फिर व्रत को खोलें और प्रसाद को वितरित करें।
मां शैलपुत्री की पूजा के दौरान आपको अपने मन, शरीर, और आत्मा को पवित्र बनाने का अवसर मिलता है। यह नवरात्रि [Navratri 2023] का पहला दिन होता है, और यह पर्व आपके जीवन में नई शक्ति और खुशियों की शुरुआत करता है। मां शैलपुत्री की कृपा से आपके जीवन में सुख, संतुष्टि, और समृद्धि आए। नवरात्रि[Navratri 2023] के इस महत्वपूर्ण पर्व के दौरान, मां दुर्गा की पूजा करना एक श्रेष्ठ उपासना का तरीका है, जिससे आप अपने जीवन को सफलता और खुशियों से भर सकते हैं।
मां शैलपुत्री की पूजा करने के बाद, आपका मन पूरी तरह से शांत और प्रसन्न होता है, और आप नए ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सकते हैं।इस नवरात्रि[Navratri 2023] , मां शैलपुत्री के आशीर्वाद से आपका जीवन सुखमय हो, और आप सभी मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करें। यह एक शांतिपूर्ण, सफल, और समृद्धिपूर्ण नवरात्रि हो।