mp ka भोपाल में 28 जुलाई 2025 को जब मानसून की हल्की फुहारें पड़ रही थीं, उसी वक्त मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत भी खासा गरम माहौल के साथ हुई। पहले ही दिन सदन में सियासी सरगर्मी देखने को मिली, जब कांग्रेस विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। विरोध का मुख्य मुद्दा था – अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण में देरी।
mp ma विपक्ष ने बीजेपी पर अपने वादों से मुकरने और आरक्षण को लेकर बार-बार रुख बदलने का आरोप लगाया। विरोध प्रदर्शन इस हद तक प्रतीकात्मक था कि कांग्रेस विधायक अपने साथ रंग बदलने वाला गिरगिट का खिलौना भी लाए और सरकार को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला करार दिया।

कांग्रेस का विरोध और ‘गिरगिट’ प्रतीक
कांग्रेस विधायकों का यह अनोखा विरोध गांधी प्रतिमा के सामने हुआ, जहां उन्होंने तख्तियां लहराते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की। उनके हाथों में गिरगिट के खिलौने थे, जो सरकार की बदलती नीतियों का प्रतीक बनकर सामने आए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने साफ शब्दों में कहा,
“बीजेपी सरकार OBC आरक्षण पर बार-बार अपना रंग बदल रही है। न तो उनकी नीति स्पष्ट है, न ही नीयत। वर्षों से OBC वर्ग 27% आरक्षण की मांग करता आ रहा है, लेकिन सरकार न कोई ठोस कदम उठा रही है, न ही अदालत में सटीक जवाब दे रही है।”
सख्त नियमों के बावजूद कांग्रेस का विरोध
दिलचस्प बात यह रही कि कांग्रेस ने यह प्रदर्शन उस सरकारी सर्कुलर की अनदेखी करते हुए किया, जो 10 जुलाई को विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी किया गया था। इसमें स्टैंडिंग ऑर्डर 94(2) के तहत विधानसभा परिसर में किसी भी तरह की नारेबाज़ी या प्रतीकात्मक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया था। साथ ही, विधायकों के ड्राइवर और सहायक के लिए प्रवेश पास को भी सीमित कर दिया गया था।
कांग्रेस ने इस सर्कुलर को सरकार की “तानाशाही सोच” बताया और कहा कि यह कदम विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए उठाया गया है। उमंग सिंघार ने कहा,
“बीजेपी सरकार सच सामने आने से डरती है। यही वजह है कि झूठे आंकड़े पेश किए जाते हैं और असली मुद्दों को छिपाने के लिए ऐसे नियम बनाए जाते हैं। यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।”
कांग्रेस की रणनीति: केवल OBC नहीं, और भी कई मुद्दे
कांग्रेस केवल OBC आरक्षण के मुद्दे तक सीमित नहीं रही। पार्टी ने यह भी साफ किया कि वे सत्र के दौरान सरकार को कई ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना चुकी है।
इनमें प्रमुख मुद्दे हैं:
- आदिवासी समुदाय की ज़मीनों पर अवैध कब्जे
- महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
- भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
- बढ़ती बेरोजगारी
शनिवार को उमंग सिंघार ने कांग्रेस विधायकों की एक बैठक भी बुलाई थी, जिसमें इन सभी मुद्दों को लेकर विस्तृत रणनीति तय की गई थी।
कमलनाथ की अनुपस्थिति पर सियासी तंज
जहां कांग्रेस विधानसभा में आक्रामक तेवर में दिखी, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गैरहाजिरी भी चर्चा का विषय बन गई। बीजेपी नेताओं ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस की कथित एकजुटता पर सवाल उठते हैं जब उनका प्रमुख चेहरा खुद पहले दिन सत्र में शामिल नहीं होता।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने इसे कांग्रेस की “अंदरूनी कमजोरी” बताया और कहा कि पार्टी केवल ड्रामा करने में व्यस्त है, जबकि जमीनी हकीकत से उसका कोई वास्ता नहीं है।
OBC आरक्षण का मामला – क्यों है इतना संवेदनशील?
मध्य प्रदेश में OBC वर्ग की आबादी का बड़ा हिस्सा है, और लंबे समय से वे 27% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। हाल के वर्षों में, इस मुद्दे पर अदालतों में भी सुनवाई होती रही है, लेकिन अब तक सरकार द्वारा आरक्षण लागू करने को लेकर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जानबूझकर यह मुद्दा लटका रही है, ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके। इसके जवाब में बीजेपी का कहना है कि मामला अदालत में विचाराधीन है और वह कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है।
सत्र का आगे का रास्ता – टकराव तय!
मानसून सत्र की शुरुआत जिस तरह से विवादों और विरोधों से हुई है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में सदन का माहौल और भी गरम हो सकता है। कांग्रेस पूरी ताकत से सरकार पर हमलावर है और सरकार विपक्ष की रणनीति को “सस्ती राजनीति” करार दे रही है।
जनता की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या OBC आरक्षण और अन्य अहम मुद्दों पर कोई ठोस निर्णय निकलता है या यह सत्र भी केवल राजनीतिक नोकझोंक का मंच बनकर रह जाएगा।

MP express : विधानसभा मानसून सत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा का यह मानसून सत्र काफी अहम साबित हो सकता है। जहां एक ओर कांग्रेस जनता से जुड़े मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरे में लेना चाहती है, वहीं बीजेपी अपने बचाव में नियमों, कानूनों और तथ्यों का सहारा ले रही है।
‘गिरगिट’ प्रतीक से शुरू हुआ यह विरोध, आने वाले दिनों में क्या रंग लाएगा – यह देखना दिलचस्प होगा।