Mauni Amavasya 2024: क्यों इतनी खास है इस बार की मौनी अमावस्या, जानिए स्नान-दान और पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व। हिन्दू धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि ध्वनि शरीर के बाहर होती है और मौन भीतर। सनातन धर्म में हमेसा से अंतर्मन में भगवान को खोजने पर जोर दिया है। इसलिए सभी प्रकार की ध्वनियों से परे जाकर अंतर यानी शून्य में उतरने की क्रिया मौन कहलाती है।
धर्म ग्रंथों में क्या है मौनी अमावस्या का महत्त्व
यदि सरल भाषा में कहें तो जब मनुष्य सृष्टि के स्रोत अर्थात्ओमकार (शून्य) में परिवर्तित होने की कोशिश करता है तब कहीं जाकर मौन घटित होता है। यही कारण है कि जब कोई ऋषि-मुनि और साधु-संत मौन (भगवान) की साधना करता है तो वह एकांत में जाकर अपने आसपास की ही नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि में मौजूद तमाम आवाजों से परे पहुंचने की कोशिश करते हुए ध्यान में लीन रहता है, क्योंकि ध्वनियों से परे पहुंचे बिना मौन (भगवान) प्राप्त नहीं किया जा सकता।
यह भी पढ़ें- Shaniwar Ke Upay: लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो रही बच्चों की शादी तो शनिवार को करें ये अचूक उपाय
Mauni Amavasya 2024 का शुभ मुहूर्त
इसीलिए मौनी अमावस्या के दिन विशेष रूप से जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु एवं संहारक भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। अब बात करते है Mauni Amavasya के शुभ मुहूर्त और विधान के बारे में, आज सुबह यानि 9 फरवरी को 8 बजकर 2 मिनट पर मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का शुभ मुहूर्त आरम्भ होगा और 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। वहीं मौनी अमावस्या का स्नान-दान और सभी पूजा विधान 9 फरवरी को होंगे।