Mahua Moitra: लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद अब महुआ मोइत्रा से कभी भी छिन सकता है सरकारी आवास। ‘धन लेकर संसद में प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा से निकाली गई तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी आवास खाली करना होगा, और इस पर कार्रवाई शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा आवास समिति ने महुआ मोइत्रा से आवंटित सरकारी आवास को खाली करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है। महुआ मोइत्रा को शहरी विकास मंत्रालय ने स्पेशल कोटे में आवास प्रदान किया था।
इस दौरान, Mahua Moitra ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जाकर लोकसभा से निकासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और चुनौती दी। लोकसभा की आचार समिति ने उस रिपोर्ट को मंजूरी दी जिसमें मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का दोषी ठहराया गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 8 दिसंबर को हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में Mahua Moitra के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। चर्चा में मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिला था।
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Mahua Moitra खिलाफ क्या है मामला
मोइत्रा ने अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए इस फैसले की तुलना ‘कंगारू अदालत’ द्वारा सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है। पहले, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने मोइत्रा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत पर समिति की पहली रिपोर्ट सदन में पेश की गई थी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में पहले ही प्राथमिक प्राथमिकता दर्ज कर ली है।
अक्टूबर महीने में, दुबे ने उच्चतम न्यायालय के वकील जय अनंत देहाद्रई के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अदाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए व्यापारिक दर्शनीय दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले में लोकसभा में सवाल पूछे थे। हीरानंदानी ने 19 अक्टूबर को आचार समिति को एक हलफनामे में दावा किया था कि मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट के लिए उन्हें अपना ‘लॉग-इन आईडी’ और पासवर्ड प्रदान किया था।
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