LATA MANGESHKAR INTERESTING FACTS: क्या आप जानते है भारतीय संगीत की मालिका लता मंगेशकर ने एक-दो नहीं बल्कि 37 भाषाओं में गाए 50,000 गाने

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LATA MANGESHKAR INTERESTING FACTS: क्या आप जानते है भारतीय संगीत की मालिका लता मंगेशकर ने एक-दो नहीं बल्कि 37 भाषाओं में गाए 50,000 गाने
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LATA MANGESHKAR INTERESTING FACTS: क्या आप जानते है भारतीय संगीत की मालिका लता मंगेशकर ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 37 भाषाओं में 50,000 गाने गाए है। भारतीय संगीत के स्वर को जगत में बिखेरने वाली एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें सुनकर हर कोई हर्षित हो जाता है। वे हैं लता मंगेशकर, जिनकी आवाज़ ने संगीत के समुद्र में एक अद्वितीय स्थान बनाया है। लता जी की कहानी, उनकी संगीत की पराकाष्ठा और उनके योगदान को जानते हैं, तो हम समझ सकते हैं कि उन्होंने कैसे भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उचाईयों तक पहुँचाया। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को महाराष्ट्र के संगली जिले के इंदोरे में हुआ था।

उनका पूरा नाम है लता मंगेशकर भागवत। उनका परिवार संगीत से जुड़ा हुआ था, और उनकी माँ दीनानाथ मंगेशकर एक प्रसिद्ध हिंदी फिल्म गायिका थीं। लता जी को भी गायन की शिक्षा मिली, और वे बचपन से ही संगीत के प्रति प्रेमी थीं। वे बचपन से ही अपनी आवाज़ के प्रभाव को समझने और बढ़ावा देने के लिए कई संगीत शिक्षकों से गायन का सिखना शुरू किया। लता जी के पिता की मृत्यु के बाद, उन्हें और उनके परिवार को संगीत के माध्यम से जीना पड़ा। उनकी माँ ने भी उन्हें मुकामी गायन की शिक्षा दी और उन्हें बड़ा स्थान प्राप्त करने में मदद की।

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संगीत में कैसे शुरू हुआ लता जी का करियर

लता मंगेशकर का संगीतीय यात्रा इंडस्ट्री में 1940 के दशक में शुरू हुआ। उनकी पहली फिल्म ‘अप्तेरी स्टार’ में गाने ने उन्हें संगीत उद्योग के मंच पर प्रस्तुत किया। लेकिन वास्तविक पहचान और उनकी सफलता उन्हें 1950 के दशक में मिली, जब वे फिल्म ‘महाल’ के गाने “आये मेरे वतन के लोगों” को गाकर लोगों के दिलों में स्थान बनाईं। यह गाना उनकी शोभा का प्रमुख कारण बन गया और लोगों ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की राष्ट्रगान माना।

लता जी के गाने का जादू उन्होंने फिल्मों के साथ ही संगीत इंडस्ट्री के अलग-अलग क्षेत्रों में भी बिखेरा। उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा भारतीय लोक संगीत, भजन, गजल, और संगीत की अनेक शैलियों में अपना परिचय किया। उनकी आवाज़ की ध्वनि, उसकी मिठास, और उसका आदर्श संगीतीय अभिव्यक्ति का नया मानक स्थापित किया। लता मंगेशकर की गायनी शैली में एक अद्वितीयता है, जो उन्हें अन्य संगीतकारों से अलग बनाती है। उनकी आवाज़ में गाने का भाव, संगीत की ताकत, और संगीत के शब्दों को समझने की क्षमता उन्हें अनूठा बनाती है।

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LATA MANGESHKAR INTERESTING FACTS

उनकी गायनी कला को विविधता और गहराई के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जिससे उनके गानों में जीवन की सारी भावनाएं साफ़ होती हैं। लता मंगेशकर के योगदान को समझने के लिए, हमें सिर्फ उनके संगीतिक क्षेत्र की ही बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं के कल्याण, शिक्षा, और सामाजिक समस्याओं पर भी अपना संघर्ष जारी रखा। उन्होंने अनेक जागरूकता अभियानों में अपनी आवाज़ उठाई और समाज को संवेदनशील किया। लता मंगेशकर का नाम भारतीय संगीत के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगीत समुदाय में भी ऊंचाइयों तक पहुंच गया है। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, और अनेक अन्य सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

लता मंगेशकर के गाने अब भी हमें उनके शिल्प में रस्ता दिखाते हैं, जो हमें गाने का सही मायने समझाते हैं। उनके संगीत का प्रभाव अब भी संगीत जगत में महसूसा होता है और आगे भी उनकी ध्वनि हमें दीप समृद्धि में ले जाती है। लता मंगेशकर एक ऐसी शख्सियत हैं, जो हमें संगीत की असीम शक्ति और उसके माध्यम से समाज को संबोधित करने की महत्वपूर्णता को समझाती हैं। उनका योगदान भारतीय संगीत के विकास में अविस्मरणीय है, और उनकी आवाज़ का प्रभाव अब भी हमें नई दिशा में ले जाता है। उन्हें सम्मान देना और उनके काम को सराहना करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि वे हमारे संगीत समाज के अमूल्य धरोहर हैं।

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