Article 370: क्या जम्मू-कश्मीर में फिर से लागू होगा Article 370 ?

Sanskar09

Article 370: क्या जम्मू-कश्मीर में फिर से लागू होगा Article 370 ?
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मोदी सरकार ने बहुत समय पहले एक फैसला लिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर में 370 अनुच्छेद को हटाया गया था मोदी सरकार द्वारा लिया गया इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मोहर लगा दी वहीं, अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाने से पहले कश्मीर के नेताओं और लोगों के बीच उम्मीद और उदासी दोनों ही है छाई रहती थी अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया, जिसमें से एक हिस्सा जम्मू-कश्मीर तो दूसरा लद्दाख बना।

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जाने क्या बोले वहाँ के स्थानीय लोगों

जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों को बेसब्री से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे है तो लोगों ने कहां कि आप इतिहास को देखें तो हम से हमारा विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए है लेकिन अब ऐसा हो चुका है इसलिए हमें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट ही इसे हमें वापस दे सकता है .Article 370 एक प्रकार का प्रावधान है जो जम्मू कश्मीर को को एक विशेष राज्य बनता है Article 370 में कुछ ऐसे प्रावधान थे जिनके समक्ष भारतीय संविधान भी सीमित हो जाता है जिसके कारण देश की सरकार राज्य में फैसले को लेकर बाँधी रहती है अब बात यह आती है कि आखिर किसने यह Article 370 को बनाया।

आखिर क्या है Article 370:-

इस Article 370 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने लगभग ने 5 महीनों की बातचीत के बाद संविधान में जोड़ा गया था। इसके लिए सबसे पहले साल 1951 में जम्मू कश्मीर की संविधान सभा का गठन किया गया। इसमें कुल 75 सदस्य थे। सभा को जम्मू और कश्मीर के संविधान का अलग मसौदा तैयार करने को कहा गया। जो नवंबर, 1956 को पूरा हुआ और 26 जनवरी, 1957 को राज्य में विशेष संविधान लागू कर दिया गया, इसके बाद जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का अस्तित्व ख़त्म हो गया था।

ये है कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-

  1. Article 370 के कारण जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग संविधान था।
  2. जम्मू कश्मीर के इस विशेष दर्जे के कारण राज्य पर  संविधान का अनुच्छेद 356 लागू नहीं होता था। इस कारण भारत के राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को ख़ारिज करने का अधिकार नहीं था।
  3. Article 370 के कारण ही, जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा होता था। और साथ ही जम्मू -कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था।
  4. Article 370 कारण ही भारत के राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर में आर्थिक आपातकाल नहीं लगा सकते थे।
  5. Article 370 में इस बात की भी शक्ति थी कि इसमें कैसे संशोधन किया जा सकता है। साथ ही यह कहा गया था कि राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सहमति से ही संशोधन कर सकते हैं।
  6. Article 370 के कारण भारत के राष्ट्रपति के पास ज़रूरत पड़ने पर किसी भी बदलाव के साथ संविधान के किसी भी हिस्से को राज्य में लागू करने की शक्ति थी। हालाँकि इसके लिए राज्य सरकार की सहमति जरूरी थी। इसमें भी यह कहा गया था कि भारतीय संसद के पास केवल विदेश मामलों, रक्षा और संचार के संबंध में राज्य में क़ानून बनाने की शक्तियां हैं।

कैसे और कब हटाया गया Article 370:-

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा दिया था इससे संविधान में संशोधन हुआ। आदेश में कहा गया कि राज्य की संविधान सभा के संदर्भ का अर्थ राज्य की विधानसभा होगी। इसमें यह भी बताया गया था कि राज्य की सरकार अब से राज्यपाल के समकक्ष होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में आकर इस बारे में देश को बताया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा दिया, जिसमें से एक जम्मू-कश्मीर तो दूसरा लद्दाख बना अमित शाह ने संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान लिंग, वर्ग, जाति और मूल स्थान के आधार पर भेदभावपूर्ण हैं. युवाओं को राजनीतिक अभिजात वर्ग के जरिए धोखा दिया जा रहा है

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