कुशीनगर एक्सप्रेस: गुरुवार की सुबह मध्य प्रदेश के बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर एक बड़ी दुर्घटना टल गई। मुंबई से गोरखपुर की ओर जा रही कुशीनगर एक्सप्रेस जैसे ही स्टेशन के पास पहुंची, वहां मौजूद लोगों की नजरें एक कोच के चक्कों से निकलते धुएं पर पड़ीं। यह धुआं बी-3 कोच के पहियों से उठ रहा था, जिससे यात्रियों और रेलवे अधिकारियों के बीच अफरा-तफरी मच गई।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम भूमिका निभाई रेलवे कर्मचारी सीताराम पटेल ने। प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी कर रहे सीताराम ने समय रहते इस खतरे को पहचान लिया और तुरंत ही यात्रियों को कोच के उस हिस्से से सुरक्षित दूरी पर ले गए। उन्होंने रेलवे प्रबंधन को भी तुरंत सूचित किया, जिसके बाद सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और अग्निशमन यंत्रों की मदद से धुएं को नियंत्रित किया।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, कोच के हॉट एक्सल में स्पार्किंग होने की वजह से धुआं उठना शुरू हुआ था। यदि समय रहते यह समस्या पकड़ी नहीं जाती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। स्थिति को संभालने के लिए ट्रेन को यार्ड में ले जाकर तकनीकी जांच की गई और बी-3 कोच को पूरी तरह अलग कर दिया गया। कोच की मरम्मत के बाद, करीब तीन घंटे की देरी से ट्रेन को उसके गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

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पीछे से आ रही ट्रेनें भी रोकी गईं
इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के कारण कई अन्य ट्रेनों को भी रोका गया। भुसावल और आसपास के स्टेशनों पर आने-जाने वाली ट्रेनों को अस्थाई रूप से होल्ड कर दिया गया ताकि कुशीनगर एक्सप्रेस की जांच और सुरक्षा कार्यवाही बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके।
रेलवे टीम ने तत्परता से लिया एक्शन
घटना की सूचना मिलते ही भुसावल से सीएनडब्ल्यू (C&W) विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। जांच में पता चला कि पहियों में अधिक गर्मी और घर्षण के चलते स्पार्किंग शुरू हुई थी। रेलवे अधिकारियों की मुस्तैदी और टीमवर्क की बदौलत इस घटना को गंभीर दुर्घटना में बदलने से रोका जा सका।
यात्रियों में राहत की सांस
घटना के दौरान कुछ समय के लिए यात्रियों में घबराहट जरूर देखने को मिली, लेकिन रेलवे की तत्काल कार्यवाही और कर्मचारी की सतर्कता ने सभी को सुरक्षित रखा। यात्रियों को तुरंत जानकारी दी गई और सभी को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

कुशीनगर एक्सप्रेस में टला बड़ा हादसा
रेलवे कर्मचारी की सजगता और विभाग की फुर्तीली कार्यवाही ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि रेलवे के जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी कितने अहम होते हैं। अगर थोड़ी सी भी चूक होती, तो हादसे के परिणाम बहुत गंभीर हो सकते थे।
इस तरह की घटनाएं हमें सुरक्षा के महत्व और जिम्मेदार ड्यूटी के मूल्य को भी समझाती हैं।