Kho Gaye Hum Kahan: OTT पर चला अनन्या और आदर्श की Kho Gaye Hum Kahan का जादू! फिल्म की सफलता में साफ नजर आई निर्देशक अर्जुन की मेहनत। इस वर्ष प्रस्तुत हुई पांच धमाकेदार चलचित्रों, जैसे कि ‘पठान’, ‘द केरल स्टोरी’, ‘गदर 2’, ‘जवान’, और ‘एनिमल’ के माध्यम से, हिंदी सिनेमा ने अपनी उच्चतम ऊंचाइयों को छूने का कार्य किया है। यहां वह स्थिति तक पहुंचा है, जहां पुराने समय की चर्चा करने वाली फिल्में, जैसे कि ‘डंकी’, अब ऐतिहासिक हो रही हैं। और वर्तमान के सिनेमा का प्रयास है कि यह बड़े पर्दे पर अपनी पहचान बनाए रखे। इस नए युग के साथ आने वाले चुनौतियों के बावजूद, एक अच्छी खबर यह है कि नए कल के सिनेमा ने खुद को नई सोच के साथ पेश करने का प्रयास किया है।
नए दौर की नई ऊर्जाओं के साथ, एक नई पीढ़ी अपनी विचारधारा और सोच को बहुत समृद्धि दे रही है, बजाय उसे नष्ट करने का। फिल्म ‘खो गए हम कहां’ इस नई पीढ़ी के साथ मिलकर काम कर रही है, जो तीन युवा कलाकारों के साथ जोया अख्तर द्वारा निर्देशित की गई है। इसमें अर्जुन वरैन सिंह ने एक सहायक निर्देशक की भूमिका निभाई है। उनकी शिक्षा और उच्चतम शिक्षा का अध्ययन मेट्रो संस्कृति में किया गया है, लेकिन इस संस्कृति में हो रहे डिजिटल परिवर्तन का भी खतरनाक असर है, जिस पर अर्जुन ने ध्यान केंद्रित किया है, और उनकी नई दिशा को सराहा जा रहा है। इस नए निर्देशक की पहली फिल्म के रूप में, ‘खो गए हम कहां’ ने हिंदी सिनेमा में एक नई उम्मीद का संकेत दिया है, जिससे सामाजिक संबंधों को बनाए रखने की आशा है।
लोगों के सर चढ़ा Kho Gaye Hum Kahan का खुमार
यह कहानी भी दोस्ती के चरित्र पर आधारित है। ‘खो गए हम कहां’ में तीन दोस्तों की कहानी है। यह एक ऐसी कहानी है जो ‘मैंने प्यार किया’ जैसी पुरानी फिल्म की एक प्रमुख लाइन, ‘एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते’, को नए दृष्टिकोण से दिखाती है। इसमें एक लड़का और एक लड़की न केवल दोस्त हैं, बल्कि वे एक ही फ्लैट में रहते हैं और केवल दोस्त बने रहते हैं। इस दृष्टिकोण से, तीनों के बीच एक मध्यमवर्गीय युवक की कहानी है, जो साथ में बोर्डिंग स्कूल में पढ़े हैं और जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। नील का सपना है कि वह अपना जिम खोलेंगे, अहाना नौकरी छोड़कर जिम का व्यवसाय संचालित करना चाहती है, और इमाद के पास पैसा है जिसे वह इस स्टार्टअप में निवेश कर सकता है। इस कारोबारी कहानी के साथ, तीनों की तीन अलग-अलग कहानियां बढ़ रही हैं।

दर्शकों को पसंद आई Kho Gaye Hum Kahan
सामाजिक दबाव के मानसिक संतुलन की दास्तान, इमाद ने अपने बचपन में जो अनुभव किया, वह उसके मनस्से में अब भी गहरी प्रभावित बची है। वह अब भी दूसरों को हंसाने का सुख खोजता है। साथ ही वह डेटिंग एप्लिकेशन पर रोज़ नई लड़कियों की तलाश में रहता है। फिर एक दिन, उससे बड़ी आयु की एक लड़की से मुलाकात होती है (यहां आपको ‘दिल चाहता है’ का अहसास हो सकता है)। दोनों ही एक दूसरे के साथ गंभीरता से जुड़ना चाहते हैं, लेकिन उनकी आदतें और विचारधारा उनके संवाद की सबसे बड़ी चुनौती बन जाती हैं।

नील को लगता है कि जिस जिम में वह काम कर रहा है, वह उसका अपना है, लेकिन एक दिन उसे यह बताया जाता है कि वह सिर्फ़ एक ‘स्टाफ’ है। अहाना का अपना जीवन संतुलित नहीं रहा है। उसका पूर्व-प्रेमी उससे आगे बढ़ चुका है। नए लोग उसके जीवन में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन वह सोशल मीडिया पर उसे ‘स्टॉक’ कर रही है। नकली आईडी बनाकर अपने दोस्तों को नजरबंद करना, उनकी खुशियों में अपनी दुखी कहानी ढूंढ़ना, और सोशल मीडिया पर गुमनाम ट्रोल बनकर अपने ही दोस्तों को परेशान करना – ये सभी ‘खो गए हम कहां’ फिल्म की रूपरेखा से सम्बंधित हैं।
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