Old Pension: ‘पुरानी पेंशन योजना’ की बहाली के लिए एक जुट हुए केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी! देशभर में शुरू हुई ‘relay hunger strike’

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Old Pension: 'पुरानी पेंशन योजना' की बहाली के लिए एक जुट हुए केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी! देशभर में शुरू हुई 'relay hunger strike'
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relay hunger strike: Old Pension: ‘पुरानी पेंशन योजना’ की बहाली के लिए एक जुट हुए केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी! देशभर में शुरू हुई ‘relay hunger strike (रिले हंगर स्ट्राइक)’ केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन के पुनर्निर्माण की मांग के संदर्भ में, अविश्वसनीय समय के लिए हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। पहले ही सरकार को जागरूक करने के लिए, देशभर के सरकारी कर्मचारी ने 8 जनवरी से 11 जनवरी तक ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ की शुरुआत की है।

ओपीएस के लिए बनाए गए नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा समेत कई एसोसिएशन के प्रमुखों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर हंगर स्ट्राइक में भाग लिया। एआईडीईएफ और कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स सहित विभिन्न फेडरेशन और एसोसिएशन इस हंगर स्ट्राइक में शामिल हो रहे हैं। सरकारी कर्मचारी, पुरानी पेंशन की मांग को लेकर विभिन्न चरणों में आंदोलन कर रहे हैं। इस बारे में रामलीला मैदान में रैली और धरना प्रदर्शन हुए हैं। कर्मचारियों ने सरकार से चेतावनी दी है कि इस मुद्दे पर देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की संभावना है।

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इन विभागों के कर्मचारी कर रहे स्ट्राइक बैलेट

इस हड़ताल के लिए देश के दो प्रमुख कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल), ने अपनी सहमति जताई है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में हैं। कर्मचारी संगठनों के अधिकारियों का कहना है कि जनवरी में हड़ताल की तिथि की घोषणा की जाएगी। इससे पहले देशभर के सरकारी कर्मचारी, ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ में बैठेंगे। यह स्ट्राइक सरकार को सतर्क करने के लिए है।

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जल्द ही शुरू हो सकती है अनिश्चितकालीन हड़ताल

नेशनल जॉइंट सिविल सर्विस असोसिएशन (एनजेसीए) के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में बहुत जल्द अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो सकती है। इस हड़ताल की स्थिति में रेल यातायात ठम सकता है और रक्षा क्षेत्र के उद्योगों में कामकाज बंद हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, केंद्र में ही नहीं, बल्कि विभिन्न राज्यों में भी सरकारी कामकाज प्रभावित होगा। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों, संगठनों, और संस्थानों के सामने आठ जनवरी से 11 जनवरी तक हो रही ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ अनिश्चितकालीन हड़ताल का पहला चरण है। विभिन्न कर्मचारी संगठन भूखे रहकर सरकार से ‘पुरानी पेंशन बहाली’ की मांग करेंगे।

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क्या है कर्मचारियों की relay hunger strike

रिले हंगर स्ट्राइक में एक निर्धारित अवधि के बाद कर्मियों की दूसरी टोली, भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचेगी। कर्मचारी संगठनों की एकमत है, गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना की बहाली की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने इस बारे में एक कमेटी गठित की है, हालांकि उसमें ओपीएस का कोई जिक्र नहीं है। इस कमेटी का काम, केवल एनपीएस में सुधार को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। पिछले संसद सत्र में लोकसभा सदस्य नव कुमार सरनीया, दीपक बैज, और कृपाल बालाजी तुमाने द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि ओपीएस बहाली को लेकर केंद्र सरकार के विचाराधीन कोई प्रस्ताव नहीं है।

गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग

शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, ओपीएस पर केंद्र और सरकार के कर्मचारी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने रामलीला मैदान में रैलियां की हैं। सरकार के सामने कई प्लेटफॉर्मों के माध्यम से ओपीएस की मांग रखी गई है। हमने सरकार से स्पष्टता से कहा है कि कर्मचारियों के लिए ओपीएस के अलावा कुछ भी स्वीकृत नहीं है। सरकार को एनपीएस को समाप्त करना होगा और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना को लागू करना पड़ेगा।

ओपीएस एक गैर-राजनीतिक मुद्दा है। केंद्र या राज्यों में सरकार चाहे जिस भी पार्टी की हो, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए तैयार हैं। जॉइंट फोरम में केंद्रीय संगठनों के अलावा राज्यों के 36 संगठन भी शामिल हैं।

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