कांवड़ यात्रा पर आतंक का संकट: उत्तर प्रदेश में इस साल सावन की कांवड़ यात्रा जोश और श्रद्धा के साथ चल रही है। लेकिन इसी बीच एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है, जो यात्रा की शांति और धार्मिक एकता को बिगाड़ने के इरादे से रची गई थी। यूपी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते इस साजिश को पकड़कर गंभीर स्थिति को टाल दिया है।
क्या थी पूरी साजिश?
यात्रा के दौरान कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। मुरादाबाद की बताकर एक दर्दनाक और खून से सनी वीडियो को वायरल किया गया, जिसे बाद में पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ का बताया गया। इस वीडियो में एक घर के अंदर महिला और बच्चों की खून से लथपथ लाशें दिखाई देती हैं। इसके साथ ही एक ऑडियो क्लिप भी शेयर की गई, जिसमें मुरादाबाद के गांव का नाम लेकर लोगों को भड़काने की कोशिश की गई।
कहां से आया यह वीडियो?
पुलिस जांच में पता चला है कि यह वीडियो पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ का है, जहां अप्रैल 2024 में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और सात बच्चों की हत्या कर दी थी। इस दिल दहला देने वाली घटना को मुरादाबाद का बताकर व्हाट्सएप ग्रुप्स में फैलाया गया ताकि उत्तर प्रदेश में चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया जा सके।

व्हाट्सएप ग्रुप पर किया गया था वायरल
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ‘ककरौली युवा एकता’ नामक व्हाट्सएप ग्रुप से यह वीडियो शेयर किया गया। DIG अभिषेक सिंह के मुताबिक, यह वीडियो 5 अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल हुआ था, जिनमें मुजफ्फरनगर के लोग भी शामिल थे। इसमें खास धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की गई थी।
पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा
पुलिस ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए 16 घंटे के भीतर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान मनशेर, रहीस और नदीम के रूप में हुई है। इन आरोपियों में से दो लोग फेरी और कबाड़ का काम करते हैं, जबकि एक आरोपी सब्जी बेचता है। ये सभी युवक मुजफ्फरनगर जिले के बताए जा रहे हैं। इनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं, जिनमें यह वीडियो और ऑडियो क्लिप पाई गई।
ATS और खुफिया एजेंसियां भी कर रही जांच
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी जांच में शामिल हो गई हैं। पुलिस को शक है कि इस वीडियो को पाकिस्तान से भेजा गया है और इसका मकसद उत्तर प्रदेश में धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ना था।
प्रशासन की सख्ती और त्वरित कार्रवाई
DIG अभिषेक सिंह ने बताया कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई की वजह से बड़ा हादसा टल गया। अगर समय रहते इस साजिश का खुलासा नहीं होता, तो यह कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण आयोजन को प्रभावित कर सकता था। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहें लोगों को गलत दिशा में ले जाती हैं, इसलिए जागरूक रहना बेहद जरूरी है।

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लोगों से अपील
प्रशासन और पुलिस की तरफ से आम लोगों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध वीडियो या ऑडियो को बिना जांचे-परखे फॉरवर्ड न करें। अगर कोई भी ऐसा कंटेंट सामने आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
कांवड़ यात्रा पर आतंक का संकट
सावन कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और भाईचारे का प्रतीक है। कुछ असामाजिक तत्व इस एकता को तोड़ने की साजिश रचते हैं, लेकिन सजग नागरिकों और सतर्क प्रशासन की मदद से ऐसी कोशिशें नाकाम होती रहेंगी। इस घटना से एक बार फिर साफ हो गया है कि अफवाहों से बचना और सोशल मीडिया पर सतर्क रहना आज की जरूरत है।