काले टमाटर की खेती से किसान बन रहे है लखपति, जाने कब कर सकते है काले टमाटर की खेती और क्या है औषधीय गुण “काले टमाटर” सुनकर आप चौंक गए कि क्या काला टमाटर भी होता है? जी हाँ अब टमाटर लाल ही नहीं काला भी होता है और कहा जाता है कि काला टमाटर लाल टमाटर से ज्यादा गुणकारी होता है, इसमें कैंसर से लड़ने की , ब्लड प्रेशर सहित कई बीमारियों को नियंत्रित करने की ताकत होती है, इतना ही नहीं काले टमाटर की खेती कर मोटी कमाई भी की जा सकती है।
खेती आज के दौर में लाभ का धंधा भी है, नई नई तकनीक का प्रयोग कर खेती से मोटा मुनाफा भी कमाया जा सकता है, ऐसी ही एक खेती है काले टमाटर की खेती, भारत में कुछ राज्यों के किसान परंपरागत लाल टमाटर के अलावा काले टमाटर की खेती भी करने लगे हैं।
काले टमाटर की खेती
- काला टमाटर शुरुआत में हल्का काला होता है और फिर पकने एक बाद डार्क ब्लेक यानि पूरा काला हो जाता है।
- ये जल्दी ख़राब नहीं होता, सड़ता नहीं है, इसमें लाल टमाटर की अपेक्षा कम बीज होते हैं।
- इसे तोड़ने के बाद कई दिनों नतक रखा जा सकता है ताजा रहता है।
- ये देखने में ऊपर से काला होता है लेकिन अन्दर से लाल होता है।
- इसका स्वाद लाल टमाटर जैसा नहीं होता, कुछ नमकीन होता है ।
- इसके बीज लाल टमाटर की तरह ही होते हैं।
काले टमाटर के औषधीय गुण
- काले टमाटर में बहुत औषधीय गुण होते हैं जिसके कारण ये बीमारियों से बचाता है।
- इसमें ज्यादा मिठास नहीं होती इसलिए शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है।
- इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है।
- इसमें प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन A ,C पाए जाते है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- इसमें इन्थोसाइनिन पाया जाता है जो दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।
- काले टमाटर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने की ताकत होती है जिससे कैंसर से बचाव में मदद मिलती है।
जाने कब होती है काले टमाटर की खेती
काले टमाटर की खेती लाल टमाटर की तरह ही की जा सकती है, इसके लिए भारत की जलवायु बहुत उपयुक्त है, काला टमाटर ठंडे स्थानों पर विकसित नहीं होता , गर्म स्थानों पर लगता है, इसकी बुवाई के लिए जनवरी का महीना सबसे उपयुक्त है, मार्च अप्रैल तक गर्मियों में किसान को काला टमाटर मिलना शुरू हो जाता है।
काले टमाटर की खेती से कमाई
काले टमाटर की मांग मार्केट में बढ़ रही है, कई ऑनलाइन कम्पनियाँ इसे बेच रही है, देश की बड़ी मंडियों में इसकी आवक शुरू हो गई है। खर्च की बात की जाये तो काले टमाटर की खेती में लाल टमाटर के बराबर ही खर्च आता है केवल बीज का खर्च अतिरिक्त हो जाता है। एक अनुमान के मुताबिक काले टमाटर की खेती का खर्च निकालने के बाद 4 से 5 लाख रूपए एप्रती हेक्टेयर तक की कमाई हो सकती है। यदि इसे उगाने वाला किसान पैकिंग कर इसे बेचता है और अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करता है तो कमाई को और बढ़ाया जा सकता है।