Jaishankar Speech in SCO: शंघाई संगठन में भारत के विदेश मंत्री की दहाड़,,जयशंकर ने इस्लामाबाद में बैठकर पाकिस्तान और चीन को लगाई लताड़। इन दिनों देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान दौरे पर हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर उड़ी पाकिस्तान की खिल्ली
वहां उन्होंने बिना पाकिस्तान और चीन का नाम लिए, कड़े शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक अच्छे और ईमानदार पड़ोसी होना जरूरी है, और आतंकवाद, अलगाववाद, तथा उग्रवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में SCO की बैठक में हिस्सा लिया, लेकिन पाकिस्तान ने उनके भाषण को लाइव नहीं किया।
भारत के विदेश मंत्री की चेतावनी से डरा पाकिस्तान
ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने भारतीय विदेश मंत्री की कड़ी टिप्पणियों के डर से यह चाल चली है। लगभग 10 साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा हुआ है, लेकिन यह द्विपक्षीय नहीं है। इसकी एक बड़ी वजह जयशंकर की सख्त शर्तें हैं, जिनके कारण पाकिस्तान दबाव में है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ संबंध सुधारने का जोर बढ़ रहा है। आइए जानते हैं भारतीय विदेश मंत्री की इस सख्ती और उनकी शर्तों के बारे में।
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डर के मारे पाकिस्तान ने रोका SCO का सीधा प्रसारण
SCO समिट के दौरान विदेश मंत्री ने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन को निशाना बनाते हुए कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। इसे क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए, और वास्तविक साझेदारी की बुनियाद पर खड़ा होना चाहिए। इसमें किसी एक देश का एजेंडा नहीं चलना चाहिए। जब जयशंकर अपना भाषण दे रहे थे, तो पाकिस्तान के टीवी चैनलों ने समिट का लाइव प्रसारण रोक दिया।
Jaishankar Speech in SCO
उन्होंने चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद जैसे खतरों से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। पाकिस्तान की हरकतों से वैश्विक समुदाय में बदनामी के डर से पाकिस्तान ने एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण भेजा था। लेकिन केंद्र सरकार ने फैसला किया कि इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे।
शंघाई शिखर संगठन में जमकर बरसे s जयशंकर
ऐसा माना जाता है कि जयशंकर कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन और पाकिस्तान को उनकी सही स्थिति का एहसास करा चुके हैं और कड़ी बात कहने में पीछे नहीं रहते। उनके बयानों को न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी काफी महत्व मिलता है। इस वजह से पाकिस्तान हर मंच पर आशंकित रहता है कि कहीं जयशंकर उनके खिलाफ तीखे बयान न दे दें, क्योंकि इससे उसकी वैश्विक समुदाय में बड़ी बदनामी हो सकती है।