Infosys AI contract: इंफोसिस को AI के कारण लगा करोड़ों का चूना! हांथ से निकले 12 हजार 475 करोड़।एक वैश्विक कंपनी ने भारतीय तकनीकी उद्यम इंफोसिस के साथ एक ₹12.47 हजार करोड़ की योजना को रद्द कर दिया है। इस घड़ी की खबर इंफोसिस ने शनिवार (23 दिसंबर) को जारी की है। कंपनी ने बताया है कि इस वर्ष के सितंबर में, वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र में काम करने के लिए एक अन्य कंपनी के साथ इस योजना को प्रारंभ कर चुके थे।इस सौदे का उद्देश्य दोनों कंपनियों को आगामी 15 वर्षों तक AI क्षेत्र में मिलकर काम करना था।
इस सौदे के रद्द होने के बाद, कहा जा रहा है कि IT सेक्टर से जुड़े व्यक्तियों के बीच इसकी मांग और तकनीकी बजट में अनिश्चितता बढ़ सकती है। हाल के दिनों में, कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नीलांजन रॉय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस को एक बड़ा चौंका लगा है, जब इसने विदेशी कंपनी के साथ ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस के लिए 150 बिलियन डॉलर (12,475 करोड़ रुपए) की डील की थी और अब यह डील रद्द हो गई है। दोनों कंपनियों के बीच हस्ताक्षर तो हो गए थे,
Infosys AI contract
लेकिन आखिरकार मास्टर एग्रीमेंट को लागू नहीं किया जा रहा है। इंफोसिस ने डील को रद्द करने की सूचना दी है, लेकिन कंपनी का नाम जिससे यह डील रद्द हो रही है, वह अब तक नहीं बताया गया है। इस डील के लिए, इंफोसिस ने सितंबर 2023 में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे, जो 15 साल के लिए था। इस समझौते के तहत, इंफोसिस को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से वैश्विक कंपनी को डिजिटल एक्सपीरिएंसेज और एआई सॉल्यूशंस प्रदान करना था।
विदेशी कंपनियों ने क्यों तोड़ा Infosys AI contract
सितंबर तिमाही तक, इस समझौते के कारण इंफोसिस ने कुल 770 बिलियन डॉलर के आदेश प्राप्त किए थे, जिसमें 150 बिलियन डॉलर की एक विदेशी कंपनी के साथ की गई डील भी शामिल थी। 15 दिनों में इंफोसिस को एक और प्रहार प्राप्त हुआ है। बारह दिन पहले ही इंफोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नीलांजन रॉय ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जोकि केवल छह साल से उस पद पर रहे थे। आईटी सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से साफ होता है कि भारतीय आईटी उद्यम लगातार कठिनाईयों का सामना कर रहा है।
AI ने लगवाया करोड़ों का चूना (Infosys AI contract)
सितंबर महीने में कई डीलें हुई थीं, जिनमें से एक 770 बिलियन डॉलर की डील भी शामिल थी। 150 बिलियन डॉलर की एक और डील अब रद्द हो गई है। इसके अलावा, इंफोसिस को एक मौजूदा ग्राहक से 200 बिलियन डॉलर का संविदान प्राप्त हुआ था, जिसके तहत कंपनी को पाँच वर्षों तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन आधारित विकास और रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी हैं। इसके साथ ही, इंफोसिस ने लिबर्टी ग्लोबल के साथ भी पाँच वर्षों के लिए 150 बिलियन डॉलर की एक और डील पर हस्ताक्षर किए थे।