India-Pakistan Space Program: स्पेस की रेस में भारत से कहीं पीछे छूट गया पाकिस्तान ! एक साथ आजाद हुए फिर भी दोनों की स्पेस टेक्नोलॉजी में जमीन आसमान का अंतर। भारत की स्पेस एजेंसी ISRO चंद्रयान-3 को चांद के उस हिस्से में उतारने वाली है, जहां आज तक रूस और अमेरिका जैसे दुनिया के किसी देश का कोई रोवर नहीं पहुंच सका है। कहने को तो भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे। लेकिन जहां भारत का तीसरा “चंद्रयान मिशन” चांद की ओर बढ़ रहा है, वहीं पाकिस्तान अभी भी खराब अर्थव्यवस्था, कर्ज, धार्मिक चरमपंथ और आतंकवाद से जूझ रहा है। इसके आलावा भी भारत टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष विज्ञान के मामले में दुनिया के टॉप देशों में गिना जाता है।
पाकिस्तान के सिर्फ झंडे में चाँद सितारे
वहीं अगर हम पाकिस्तान की बात करें तो वहां की स्पेस एजेंसी जो ISRO से 8 साल पहले शुरू हुई थी, आज ISRO से कोसों दूर है। आज हम चर्चा करने वाले आखिरकार 1947 में भारत के संग आजाद हुआ पाकिस्तान 2023 आते-आते अंतरिक्ष में इतना पीछे कैसे छूट गया कि, भारत और पाकिस्तान की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर आ गया। भारत की अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीकि और तरक्की के विषय में विशेषज्ञों का कहना है, आजादी के 75 वर्षों में एक ओर जहां भारत ने ISRO यानि Indian Space Research Organisation और DRDO यानि Defence Research and Development Organisation से लेकर IT यानि Information Technology और ऑटोमोबाइल तक सभी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके आधुनिक शिक्षा प्रणाली को अपनाया है।
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कब और कैसे शुरू हुआ पाकिस्तान का स्पेस प्रोग्राम
वहीं, पाकिस्तान अपने आंतरिक संघर्षों, रूढ़िवादी विधार धारा और रूढ़िवादी शिक्षा प्रणाली से जूझता रहा। ऐसे में कौन प्रगति की ओर अग्रसर होगा इसका अंदाजा लगाना इतना भी मुश्किल नहीं है। पाक ने 16 सितंबर 1961 को नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. अब्दुस सलाम की अगुआई में “स्पेस & अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन” यानि SUPARCO नाम के एक अंतरिक्ष विभाग और संस्था बनाई थी। लेकिन भारत से पहले स्पेस एजेंसी स्थापित करने के बाद भी पाक ने अब तक सिर्फ 5 सैटेलाइट ही लॉन्च किए हैं। वहीँ भारत इस लिस्ट में बहुत आगे निकल चूका है।
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India-Pakistan Space Program
आपको बता दें पाकिस्तान स्पेस एजेंसी SUPARCO का पहला सैटेलाइट “बद्र-1” था, जो केवल 6 महीने ही चल सका था। और तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गया। India-Pakistan Space Program पाक के करीबी दोस्त ड्रेगन यानि चीन की मदद के बावजूद भी आज तक पाकिस्तान ने न तो कोई चंद्रयान मिशन लॉन्च किया है और न ही भारत जैसा बड़ा IT हब बन सका है। India-Pakistan Space Program को देखकर दुनिया के कई देशों का मानना है कि पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद को बढ़ावा देंने में लगा रहा, लेकिन कभी भी स्पेस अनुसंधान के लिए फोकस नहीं किया गया।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 20, 2023
🇮🇳Chandrayaan-3 is set to land on the moon 🌖on August 23, 2023, around 18:04 Hrs. IST.
Thanks for the wishes and positivity!
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भारत-पाक में जमीन आसमान का अंतर
India-Pakistan Space Program अब भारत की बात करें तो 1962 में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के विकास को मद्देनजर रखते हुए “नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रीसर्च” की स्थापना की थी। बाद में अंतरिक्ष विज्ञान को विकसित और बढ़ावा देने के लिए 15 अगस्त 1969 को इसरो की स्थापना हुई। पिछले 44 साल में ISRO ने लगभग 150 उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। वर्तमान समय में भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO की गिनती दुनिया की अग्रणी स्पेस एजेंसियों में होती है। अब भारत न सिर्फ अपने उपग्रह सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करता है, बल्कि दूसरे देशों के उपग्रहों को भी सफलता पूर्वक लॉन्च करता है।