Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट! मुख्यमंत्री की कुर्सी पर छिड़ा संग्राम, क्या है BJP का ‘ऑपरेशन लोटस’ जिसे भांप नहीं पाई कांग्रेस। राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल जारी है। पहले चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की हार के बाद, अब कांग्रेस सरकार को संकट का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार के मंत्री और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बगावत कर दी है। कांग्रेस ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कहा कि पार्टी सर्वोपरि है।
कैसे हुआ Himachal Pradesh Political Crisis
वह जनादेश बरकरार रखने के लिए कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी। राज्यसभा की एक सीट पर हुए मतदान में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा ‘क्रॉस वोटिंग’ किए जाने के बाद भाजपा ने सीट पर जीत हासिल की थी, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। वरिष्ठ कांग्रेसी पवन बंसल ने हिमाचल के राजनीतिक नाटक को ‘ऑपरेशन लोटस’ कहा है। उनके अनुसार, चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हार के बावजूद बीजेपी अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रही है।
क्या है ऑपरेशन लोटस ?
राज्यसभा चुनाव से पहले सुक्खू को यह नहीं पता था कि कितने विधायक बगावत कर रहे हैं, जबकि सरकार का इंटेलिजेंस विभाग उन्हें जानता था। चुनावी मतदान के बाद सभी विधायक पंचकूला चले गए, लेकिन हिमाचल पुलिस उन्हें नहीं रोक पाई। हिमाचल सरकार का गृह विभाग भी सुक्खू के पास है। सरकार गिराने को लेकर यह कथित सियासी अभियान है। सियासी गलियारों में इस ऑपरेशन को बीजेपी के साथ जोड़ा जाता है। लोटस यानी कमल भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न है।
ऑपरेशन लोटस का लेटेस्ट पैटर्न क्या है ?
‘ऑपरेशन लोटस’ का लेटेस्ट पैटर्न इस प्रकार है – पहले साइलेंट तरीके से विधायक एकजुट होते हैं और बड़े अवसर पर बगावत करते हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में यह बड़ा अवसर राज्यसभा का चुनाव है। बगावत करने वाले विधायकों को तुरंत बीजेपी शासित राज्यों में ले जाया जाता है। विधायक तब तक उस राज्य में रहते हैं, जब तक की सरकार गिर नहीं जाती है। बगावत के बाद कानूनी टीम सक्रिय हो जाती है और सरकार गिराने में यह टीम भी अहम भूमिका निभाती है।
Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu
- पहला उदाहरण है कर्नाटक में विधायकों की बगावत, जहां वे सत्र से पहले गायब हो गए और सरकार गिरने तक वहां डेरा डाले रहे। दूसरा उदाहरण है मध्य प्रदेश में विधायकों की बगावत, जिससे सरकार अल्पमत में आई। तीसरा उदाहरण है महाराष्ट्र में विधायकों की बगावत, जिसने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटाया।
- इस पैटर्न को समझने के लिए तीन उदाहरण हैं। पहला उदाहरण है कर्नाटक में विधायकों की बगावत, जहां वे सत्र से पहले गायब हो गए और सरकार गिरने तक वहां डेरा डाले रहे। दूसरा उदाहरण है मध्य प्रदेश में विधायकों की बगावत, जिससे सरकार अल्पमत में आई। तीसरा उदाहरण है महाराष्ट्र में विधायकों की बगावत, जिसने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटाया।
- इस पैटर्न को समझने के लिए तीन उदाहरण हैं। पहला उदाहरण है कर्नाटक में विधायकों की बगावत, जहां वे सत्र से पहले गायब हो गए और सरकार गिरने तक वहां डेरा डाले रहे। दूसरा उदाहरण है मध्य प्रदेश में विधायकों की बगावत, जिससे सरकार अल्पमत में आई। तीसरा उदाहरण है महाराष्ट्र में विधायकों की बगावत, जिसने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटाया।
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