Hill Stations of Himachal Pradesh: अगर भारत में ही लेना चाहते है विदेशों वाले मजे, तो देर किस बात की अभी जाएं हिमाचल के ये 2 हिल स्टेशन। इन दिनों शहरों में तेज गर्मी से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। ऐसे में लोग गर्मी से बचने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ विदेशों में जाकर समय बिताते है। लेकिन अगर आप देश में ही विदेशों वाले मजे करना चाहते है और आप भी इस उबाऊ गर्मी से बचना चाहते हैं, वो भी सस्ते में तो पहाड़ी स्थलों की ओर देखें।
यहां हम आपको हिमाचल प्रदेश के वो दो शानदार पहाड़ी स्थलों के बारे में बता रहे हैं जो शिमला और मनाली से भी अधिक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं। हिमाचल प्रदेश टूरिस्टों का पसंदीदा मंजर है। यह स्थान प्रकृति की गोद में बसा है। हरियाली से घिरे हुए पहाड़ी स्थलों का यहां अवलोकन करना किसी स्वर्ग से कम नहीं है। जब दिल्ली एनसीआर में जल्दी गर्मी का तापमान बढ़ता है, तो टूरिस्ट हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी स्थलों में कुछ दिन बिताकर आते हैं, ताकि ठंडक का अनुभव कर सकें और शांति पाएं।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी स्थलों की विशेषता यह है कि यहां ठंडे हवाओं की सुगमता होती है और गर्मियों में भी यहां स्वेटर की आवश्यकता होती है। वैसे तो हिमाचल प्रदेश के नाम से हमें सीधे शिमला और मनाली की याद आती है, लेकिन हम आपको वहां से भी सुंदर दो अन्य पहाड़ी स्थलों के बारे में बता रहे हैं। चलिए, इनके बारे में अधिक जानें।
शिमला-मनाली से अधिक शानदार हैं कसौली और धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश के इन हिल स्टेशनों का खूबसूरती से भरा मनाली और शिमला से भी कोई मुकाबला नहीं है। ये जगहें गर्मियों में पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना हैं। कसौली सोलन जिले में स्थित है। यहाँ कहा जाता है कि साल भर फूलों का मौसम इसे एक स्वर्ग बनाता है। 1841 में यहाँ एक ब्रिटिश अधिकारी की बेटी की मौत हुई थी और उसे यहीं दफनाया गया था।
इसके बाद से ही यहाँ विकास का मार्ग प्रारंभ हुआ और आज यह हिल स्टेशन अपने प्राकृतिक सौंदर्य और आश्चर्यजनक वातावरण के लिए विख्यात है। दिल्ली से कसौली की दूरी 300 किलोमीटर है। (HILL STATIONS OF HIMACHAL PRADESH) धर्मशाला, जो कांगड़ा जिले में स्थित है, एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हिल स्टेशन है। यहां पर हमेशा दलाई लामा का आश्रय होता है।
विदेशों से भी पर्यटक आते है धर्मशाला
इस धर्मशाला में विभिन्न प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जो प्राकृतिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए हैं। यहां के पर्यटक भागसुनाग मंदिर को दर्शन कर सकते हैं, जो कि डल झील के समान प्राचीन है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां की स्थापना दैत्य राजा भागसु और नागराज के बीच एक महायुद्ध के बाद हुई थी। धर्मशाला में पर्यटक तिब्बती संस्कृति का भी अनुभव कर सकते हैं।